केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा से आए हजारों किसानों का पिछले पांच दिनों से हल्ला जारी है, तो वहीं विदेशों में भी काफी चर्चा का विषय बनता जा रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत में चल रहे किसानों के धरना प्रदर्शन टिप्पणी करते हुए उन्होंने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि वर्तमान में देश की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। जिस पर विदेश मंत्रालय जवाबी बयान देते हुए कहा है कि कि एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करना अनुचित है।
We've seen some ill-informed comments by Canadian leaders relating to farmers in India. These are unwarranted especially when pertaining to internal affairs of a democratic country. It's also best that diplomatic conversations aren't misrepresented for political purposes:MEA Spox pic.twitter.com/HXtFTrsxCX
— ANI (@ANI) December 1, 2020
विदेश मंत्रालय ने कनाडा पीएम के बयान पर कहा कि हमने कनाडाई नेताओं द्वारा भारत किसानों से संबंधित मामले पर की गई टिप्पणियों को देखा है। लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों के संबंध में सही है। सबसे सही रहेगा कि किसी भी राजनौतिक वार्तालाप को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गलत तरीके पेश नहीं किया जाना चाहिए।
Unsolicited and unwelcome: AAP spokesperson Raghav Chadha on Canadian PM Justin Trudeau's comments on ongoing #FarmersProtest in India
— Press Trust of India (@PTI_News) December 1, 2020
वहीं आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि किसान आंदोलन को लेकर कनाडा पीएम जस्टिन ट्रूडो को किसान आंदोलन पर बोलने की कोई जरुरत नहीं थी।
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यह कहा था कनाडा पीएम ने
गुरु नानक देव की 551वीं जयंती के अवसर पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान, ट्रूडो ने कहा था, ‘किसानों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शनों के बारे में भारत से खबरें आ रही हैं। स्थिति चिंताजनक है और हम सभी अपने परिवार और दोस्तों को लेकर बहुत चिंतित हैं। मुझे पता है कि आप में से कई लोगों के लिए यह एक वास्तविकता है। मैं आपको याद दिला दूं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा।’