भोपाल। युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि अब एनआरए की परीक्षा के अंकों के आधार पर बनने वाली मेरिट लिस्ट से राज्य के युवाओं को नौकरी मिल जाएगी। यह फैसला मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार ने लिया है। राज्य केंद्र सरकार की तरफ से ‘एक देश-एक परीक्षा’ के कदम का लाभ लेगा।
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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र की नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) से चयनित होने वाले राज्य के युवाओं को कोई दूसरी प्रवेश परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी। एनआरए की परीक्षा के अंकों के आधार पर बनने वाली मेरिट लिस्ट से राज्य के युवाओं को नौकरी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एनआरए से भर्ती करने का फैसला लेने वाला पहला राज्य है। राज्य सरकार के इस फैसले से प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का काम आधे से भी कम रह जाएगा।
मध्यप्रदेश की शासकीय नौकरियों पर केवल प्रदेश के युवाओं का हक होगा, यह हमने पहले ही तय कर दिया है।
अब आपको बार-बार की परीक्षाओं के कारण होने वाले निरर्थक व्यय और आवागमन से भी मुक्ति मिल जायेगी।
मेरे बच्चों तुम्हारा जीवन आनंददायी और बेहतर बने, यही मेरी प्राथमिकता है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 20, 2020
शासकीय नौकरियों के लिए अलग से कोई परीक्षा देने की जरूरत नहीं
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘अपने युवा बेटे-बेटियों के कल्याण के लिए हमने एक और अनूठा व क्रांतिकारी निर्णय लिया है। प्रदेश की शासकीय नौकरियों के लिए युवाओं को अलग से कोई परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। एनआरए द्वारा आयोजित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही इन्हें प्रदेश की शासकीय नौकरियां मिलेंगी।’
यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (NRA) के गठन के फैसले से युवाओं के भविष्य की राह आसान हुई है।
अब SSC,RRB व IBPS की नौकरियों के लिए केवल एक ही परीक्षा में भाग लेना पर्याप्त होगा। देश के युवाओं की ओर से प्रधानमंत्री जी का अभिनंदन!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 20, 2020
सीएम शिवराज ने आगे लिखा, ‘मध्यप्रदेश की शासकीय नौकरियों पर केवल प्रदेश के युवाओं का हक होगा, यह हमने पहले ही तय कर दिया है। अब आपको बार-बार की परीक्षाओं के कारण होने वाले निरर्थक व्यय और आवागमन से भी मुक्ति मिल जाएगी। मेरे बच्चों तुम्हारा जीवन आनंददायी और बेहतर बने, यही मेरी प्राथमिकता है। एनआरए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर ही नौकरी देने का अभूतपूर्व निर्णय लेने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। इससे युवाओं का जीवन सहज, सुगम बनेगा। देश के दूसरे राज्य भी मध्यप्रदेश की इस पहल को अपनाकर अपने प्रदेश के बेटे-बेटियों को बड़ी राहत दे सकते हैं।’