अगले महीने है शहीद की बेटी की शादी

भोपाल। सेंट्रल जेल से भागे सिमी के 8 आतंकियों को रोकते वक्त शहीद हुए कांस्टेबल रमाशंकर यादव का मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को विदाई देने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित कई राजनेता पहुंचे। इस दौरान सीएम ने घोषणा की कि, कालोनी का नाम शहीद रमाशंकर यादव के नाम पर होगा। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि कुछ नेताओं को शहीद की शहादत नजर नहीं आती, वे सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करना जानते हैं।

शहीद के परिवार से मिलकर नम हुई सीएम की आंखें
शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान उनके परिवार से मिले। रमाशंकर के बेटों, बेटी और पत्नी को सांत्वना देते वक्त सीएम शिवराज सिंह चौहान की आंखें भी नम हो गई। उन्होंने प्रार्थना की कि भगवान शहीद के परिवार को इस मुश्किल वक्त से लड़ने की शक्ति दें। गौरतलब है कि शहीद की फैमिली के लिए सरकार ने 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि मंजूर की है। वहीं उसकी बेटी की शादी के लिए सरकार अलग से 5 लाख रुपए देगी। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी।
अगले महीने थे बेटी की शादी
आतंकियों का सामना करते हुए शहीद हो जाने वाले हवलदार रमाशंकर यादव की बेटी की जल्द ही शादी होने वाली थी। वह शादी की तैयारी में लगे थे। शादी के लिए कई दिनों से खरीददारी भी कर रहे थे। शादी के कार्ड रिश्तेदारों, दोस्तों और जान-पहचान वालों को बांटे जा चुके थे। उन्होंने एक महीने की छुट्टी के लिए एप्लिकेशन भी दी थी। बेटी की शादी 9 दिसंबर को तय थी।
यूपी का रहने वाला था शहीद…
-हवलदार रमाशंकर यादव यूपी के बलिया के राजपुर के रहने वाले थे।
-उनके दो बेटे हैं। दोनों ही आर्मी में हैं। बड़े बेटे का नाम शंभुनाथ है और छोटे बेटे का नाम प्रभुनाथ है। उनकी पोस्टिंग असम में है।
-प्रभु ने आरोप लगाया था कि जेल में ड्यूटी पैसे लेकर लगाई जाती है। उनके पिता हार्ट के मरीज थे। फिर भी बार-बार उनकी ड्यूटी सिमी आतंकियों के पास लगाई गई।
क्या हुआ था?
– डीआईजी (भोपाल) रमन सिंह ने सोमवार को बताया था, ”रविवार-सोमवार की दरमियानी रात 2-3 बजे के बीच आतंकी भागे।”
– ”आतंकियों ने ड्यूटी बदलते वक्त दो गार्ड पर हमला किया। पहले हेड गार्ड रमाशंकर यादव की हत्या कर दी। उनका गला रेत दिया। हमले के लिए स्टील की प्लेट और ग्लास का इस्तेमाल किया।”
– ”इसके बाद जेल में ओढऩे के लिए मिली चादरों की रस्सी बनाई। उसी के सहारे दीवार फांदी। दूसरा गार्ड घायल है।”
– 9 घंटे के भीतर ही पुलिस ने उनका एनकाउंटर कर दिया। बता दें कि मध्य प्रदेश के खंडवा से सिमी आतंकी 3 साल पहले भी ऐसे ही जेल से फरार हो गए थे। इनके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा था। इस बार भागने वाले आतंकियों में वे 3 आतंकी भी शामिल थे, जो 2013 में खंडवा जेल से भाग चुके थे। बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।मुठभेड़ पर राजनीति…
जेल तोड़कर भागे आठों आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराए जाने पर राजनीति हो रही है। भाजपा ने इसकी तारीफ की है, वहीं कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल ने इस मामले की जांच की मांग की है।

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