दीपावली खुशियों और संपन्नता का त्योहार है। इस त्योहार पर अपने पूर्वजों को अवश्य याद करें। दिन में उनका तर्पण कर किसी भूखे गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं। ऐसा करने से आपके सभी अटके हुए कार्य सुचारु होना शुरू हो जाते हैं।
छोटी दीवाली के दिन लाल चंदन, गुलाब तथा थोड़ी सी रोली को एक लाल कपड़े में बांधकर पूजा करें। पूजा के बाद इस पोटली को घर की तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से घर में पैसे की कमी नहीं रहती। दीपावली पर तेल का दीपक जलाएं और दीपक में एक लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें। किसी मंदिर में भी दीपक जला सकते हैं।
दीपावली की रात मां लक्ष्मी की पूजा करते समय एक बड़ा घी का दीपक जलाएं, जिसमें नौ बत्तियां लगाई जा सकें। सभी 9 बत्तियां जलाएं और मां लक्ष्मी की पूजा करें। महालक्ष्मी का ऐसा चित्र रखें, जिसमें मां लक्ष्मी बैठी हुईं दिखाई दे रही हैं। दीपावली की रात कच्चा सूत लेकर उसे शुद्ध केसर से रंग लें तथा भाईदूज पर मां लक्ष्मी का स्मरण करते हुए अपने व्यापारिक स्थल मबांध दें। ऐसा करने से व्यापार में तरक्की होगी। जो लोग नौकरी करते हैं वे इसे अपनी टेबिल, अलमारी या कम्प्यूटर से बांध दें।
दीपावली की रात पूजा करते समय अपने कार्य-व्यापार से संबंधित चीजें पूजा में अवश्य रखें। व्यापारी वर्ग अपने बही-खाते, कलम, सोने-चांदी के आभूषण तथा विद्यार्थी अपनी पुस्तकों को पूजन में रखें। दीपावली पर जो वंदनवार लगाएं उसे 31 दिनों तक बंधा रहने दें। माना जाता है कि ऐसा करने से घर-परिवार में शांति बनी रहती है। पूजन के स्थान, घर के प्रवेश द्वार और आंगन में सुंदर रंगोली बनाएं। माना जाता है कि मां लक्ष्मी रंगोली की ओर जल्द आकर्षित होती हैं।
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