अब सोने पर नजर है सबकी, सर्जिकल स्ट्राइक संभव

जमशेदपुर। सरकार ने कालेधन व नकली नोटों पर प्रहार किया तो बुधवार को चंद घंटों में सोने के भाव आसमानी हो गये। प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत चार हजार रुपये तक चढ़ी। अमीर तबका जेवरात खरीदने को आभूषण की दुकानों पर टूट पड़ा। ज्वेलर्स ने मुंहमांगी कीमत वसूली। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 17 लाख करोड़ रुपये का कालाधन सर्कुलेशन में है और इसमें से ज्यादा रीयल एस्टेट इन्वेस्टमेंट व सोने में है।
सरकार ने अपने ताजा फैसले से रीयल एस्टेट में काले धन को तो एक झटके में खत्म कर दिया लेकिन गोल्ड बचा हुआ है। शहर के कुछ प्रमुख चार्टर्ड एकाउंटेंट ने बताया कि अगले तीन से चार महीने में सोने पर भी सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई हो सकती है। अर्थात सरकार कोई ऐसी स्कीम ला सकती है जिसके तहत एक निश्चित सीमा से अधिक सोना घर में रखने पर सरकार को इसकी लिखित जानकारी देनी होगी या फिर इसे बैंकों में जमा कराना होगा।
देश में मंदिरों, घरों व अलग-अलग ट्रस्ट के पास लगभग 25 हजार टन सोना पड़ा है। सरकार इसका इस्तेमाल करना चाहती है लेकिन तमाम कोशिशें फिसड्डी साबित हो रही हैं। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम भी कामयाब नहीं हो सकी है। 500-1000 के नोट बंद किये जाने के बाद सरकार सोने को घरों से बाहर निकालने के विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रही है।
स्वर्ण मौद्रीकरण योजना के तहत अब तक 900 किलो सोना ही बैंकों में जमा हो सका है। सरकार की चिंता यह है कि उसका गोल्ड इंपोर्ट बिल कम नहीं हो पा रहा है। देश में अब भी हर साल करीबन एक हजार टन सोना आयात करना पड़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में अप्रैल से दिसंबर के दौरान सोने का आयात बढ़कर करीब 26.45 अरब डॉलर हो गया जो 2014-15 में इसी अवधि के दौरान 25.85 अरब डॉलर था। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में सबसे बड़ा निवेशक तिरूपति बालाजी मंदिर प्रबंधन रहा है जिसने 1311 किलो सोना जमा कराया है।

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