अयोध्या. कार्तिक पूर्णिमा का पर्व पूरे देशभर में श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। आचार्यों का कहना है कि 68 साल बाद ऐसा संयोग हुआ है कि सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा लग रही है, इसे सोमवती पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा मेले का प्रमुख पर्व पूर्णिमा स्नान सोमवार भोर से है। हालांकि स्नान का मुहूर्त रविवार को सायं सात बजकर 55 मिनट पर लग चुका है। मुख्य स्नान को लेकर अयोध्या के मठ-मंदिरों व धर्मशालाओं में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है। मुख्य पर्व की पूर्व संध्या पर सरयू के स्नान घाट से प्रमुख मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए दर्शनाथियों की कतारें लगी रहीं। कार्तिक पूर्णिमा मेला 14 कोसी परिक्रमा मेले के साथ चल रहा है। मेले के प्रमुख दो पर्व चौदह कोसी व पंचकोसी परिक्रमा सकुशल संपन्न हो गई है। मेले का अंतिम पर्व पूर्णिमा स्नान आज है।
मुख्य स्नान पर्व को लेकर नगरी के मठ-मंदिरों में विभिन्न धार्मिक आयोजन चरम पर हैं। विभिन्न स्थलों पर चल रही श्री रामचरित मानस व श्रीमद् भागवत् की कथाओं में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। प्रसिद्ध तांत्रिक व ज्योतिषाचार्य पं. हरिदयाल शास्त्री के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा स्नान का मुहूर्त रविवार को सायं सात बजकर 55 मिनट पर लग जाएगा। चंद्रमा वृष राशि में प्रवेश कर जाएगा।
सोमवती पूर्णिमा सोमवार 10:11 बजे तक रहेगी। 68 साल बाद ऐसा संयोग हुआ है कि सोमवार को सोमवती पूर्णिमा लग रही है। सोमवार को चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद तुलसी में जल देने का विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसार आज के दिन सत्यभामा के संग विष्णु की पूजा करने से मनचाहे पति की प्राप्ति होती है।