आतंकियों ने बंगाल को बनाया अपना ठिकाना

जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश और पाकिस्तानी सीक्रेट सर्विस (आईएसआई) जैसे आतंकवादी संगठनों की सक्रियता के लिए बंगाल एक सुरक्षित ठिकाने में परिवर्तित हो चुका है

लखनऊ: भारत व बांग्लादेश में आतंकी गतिविधियां चलानेवाले कई संगठन पश्चिम बंगाल को ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। बांग्लादेश से सटी पश्चिम बंगाल की सीमा

आतंकियों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है। वे लोग इसका इस्तेमाल कर आसानी से इधर से उधर आ-जा रहे हैं !

जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और पाकिस्तानी सीक्रेट सर्विस (आईएसआई) जैसे आतंकवादी संगठनों की सक्रियता के लिए सुरक्षित ठिकाने में बंगाल परिवर्तित हो चुका है। बांग्लादेश की यह सीमा काफी असुरक्षित है। इसका लाभ आतंकी समूह उठा कर बंगाल में प्रवेश करते हैं और इसके बाद देश के अन्य राज्यों में चले जाते हैं। राज्य सीआइडी के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि यह कोई नई बात नहीं है। विभिन्न आतंकी संगठन बंगाल को अपना एक सुरक्षित कॉरिडोर के रूप में उपयोग करता आ रहा है।

यही नहीं जेएमबी जैसे आतंकवादी संगठनों और आइएसआई के अनुगामीयों की भर्ती के साथ-साथ उन्हें यहां प्रशिक्षण भी देता है। जिसका प्रमाण खागरागढ़ विस्फोट के बाद ही समाने आया था। कोलकाता पुलिस की स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने पिछले ही माह छह शीर्ष जेएमबी आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है जिसमें से पांच २०१४ के खागरागढ़ विस्फोट मामले में वांछित था। इन लोगों को पश्चिम बंगाल और असम से सितंबर में दबोचा गया था।

यही नहीं आतंकी संगठन और आईएसआई  बेरोजगारी की स्थिति का लाभ उठाते हुए, अपने एजेंटों के माध्यम से सहज से यहां लोगों की भर्ती कर लेते हैं। इन संगठनों की नजर युवाओं या फिर अच्छे स्कूलों में बढ़नेवाले छात्रों पर अधिक होती है। इसके अलावा बेरोजगार युवाओं को आसानी से अपनी ग्रुप में शामिल करते हैं। सीआइडी अधिकारी के अनुसार सोशल नेटवर्किग साइटों का इस्तेमाल भी आतंकी समूहों में भर्ती के लिए हो रहा है। सोशल साइटों के जरिए हजारों किलोमीटर दूर अन्य देशों में बैठकर आतंकी संभावित उम्मीदवारों की प्रोफाइल और उनके बारे में जानकारी जुटा लेते है। इसके बाद अपने समूह में शामिल करने के लिए स्थानीय एजेंट को लगा देता है।

मार्च में एनआयए ने एक निजी पॉलीटेक्निक के १८ वर्षीय छात्र असिक अहमद को आईएसआईएस  से लिंक रखने के लिए ब‌र्द्धमान से गिरफ्तार किया था। दूसरी युवा मेहदी मसरूर बिस्वास को पाकिस्तानी एजेंसी से लिंक होने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के अंतरराष्ट्रीय सीमा और कुछ स्थानों पर सुस्त सुरक्षा व्यवस्था की वजह से पिछले दशकों से आतंकी समूह अपनी गतिविधियां चला पाने में सफल हो रहे हैं !

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