वाराणसी : तकनीक के इस दौर में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ पूरी तरह तालमेल बैठाने में जुटा है। इस क्रम में विश्वविद्यालय ने ई-टीचिंग की ओर कदम बढ़ा दिया है। इसके तहत अध्यापकों के लेक्चर विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे ताकि क्लास में जाने से पहले छात्र संबंधित चैप्टर के बारे में भली-भांति समझ सकें और कक्षाओं से संबंधित विषय पर अपनी जिज्ञासा शांत कर सकें।
शासन के निर्देश पर विद्यापीठ ई-गवर्नेस की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इसके तहत सभी आवेदन के साथ-साथ, परीक्षा शुल्क सहित अन्य शुल्क ऑनलाइन किए जा चुके हैं। इस वर्ष छात्रसंघ चुनाव में हाईटेक तरीका अपनाया गया था। पूरा परिसर वाई-फाई किया जा चुका है। सात विभागों में स्मार्ट क्लास बनाए जा चुके हैं। वहीं अध्यापकों को तकनीक से जोड़ने मुफ्त लैपटॉप देने का निर्णय लिया गया है। प्रथम चरण में 37 अध्यापकों को लैपटॉप दिया भी जा चुका है। दूसरी ओर स्मार्ट क्लास के माध्यम से शिक्षकों का लेक्चर तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि इसे विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके।
लांच करेंगे मोबाइल एप
यदि सब कुछ ठीक रहा तो अगले सत्र से विश्वविद्यालय के छात्रों को पाठ्य सामग्री स्मार्ट फोन में ही मिल जाएगी। विद्यापीठ ने एक मोबाइल एप लांच करने का निर्णय लिया है। इस क्रम में यूपी डेस्को को साफ्टवेयर बनाने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। इस एप को डाउनलोड करने वाले विद्यार्थी जब चाहें तब जहां चाहें वहां पढ़ाई कर सकते हैं।
”नैक लगातार टीचिंग मैथड, क्वालिटी एजुकेशन व इनोवेशन पर बल दे रही है। इसे देखते हुए शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ, टीचिंग मैथड व नवीन खोज पर विचार किया जा रहा है। इस क्रम में नया प्रयोग ई-टीचिंग की रूपरेखा बनाई गई है।
-डा. पृथ्वीश नाग, कुलपति।