शादी के बाद होने वाले अवैध संबंधो ने हिमाचल में कई घर उजाड़ दिए है। प्रदेश में एक्सट्रा मेरिटल अफेयर महिलाओं से होने वाली घरेलू हिंसा का कारण बना है।
शिमला: शादी के बाद होने वाले अवैध संबंधो ने हिमाचल में कई घर उजाड़ दिए है। प्रदेश में एक्सट्रा मेरिटल अफेयर महिलाओं से होने वाली घरेलू हिंसा का कारण बना है। दहेज के लिए प्रताड़ना न सही पर राज्य में महिलाएं घरों के भीतर ही सुरक्षित नहीं हैं। पति का दूसरी महिला से संबंध ही नहीं बल्कि यहां तो पति ने कब दूसरी व तीसरी शादी भी कर ली ऐसे मामले भी सामने आए हैं। इसके बाद मियां-बीवी के झगड़े और घरेलू हिंसा हो रही है। पहली पत्नी से पीछा छुड़ाने के लिए फिर मार पिटाई शुरू हो रही है।
शिमला जिला महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा में सबसे ऊपर है और इसके बाद कांगड़ा व मंडी जिलों की महिलाएं ये दुख झेल रही है। राज्य महिला आयोग में हर साल दर्ज होने वाली शिकायतो का आंकड़ा बढ़ा है और इसमें घरेलू हिंसा के मामले सबसे अधिक हैं। अत्याचार के खिलाफ बीते वर्ष 463 महिलाएं राज्य महिला आयोग में न्याय की गुहार लगाने पहुंची थीं। इससे पहले के वर्ष पर नजर दौड़ाई जाए तो शिकायते इससे कम थीं। चालू वर्ष में 2015-16 के मुकाबले सात माह में ही करीब तीन सौ शिकायते दर्ज हो गई हैं। ऐसे भी कई मामले हैं जो महिलाएं शिकायत तो दर्ज नहीं करवाती लेकिन एक बार जरूर आयोग में सलाह लेने पहुंचती हैं। दिन में तीन से पांच महिलाएं आयोग में इसी तरह सलाह लेने व घर बचाने के लिए पहुंचती हैं।
लाहुल-स्पीति में सबसे कम घरेलू हिंसा
जनजातीय क्षेत्र लाहुल स्पीति में सबसे कम घरेलू हिंसा है। इसके अलावा किन्नौर जिला भी ऐसा है जहां से सबसे कम महिलाएं आयोग में न्याय मांग रही है। लाहुल-स्पीति में घरेलू हिंसा कम होने की वजह यह भी बताई जाती है कि यहां शून्य से 6 साल के बच्चों का सेक्स रेशो 1000 लड़को पर 1033 लड़कियां है और इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर इस जिले को पुरस्कृत भी किया जा चुका है। साथ ही यहां की संस्कृति भी भिन्न है।
नशा भी घरेलू हिंसा का कारण
शराब हो या अन्य नशा ये भी घरेलू हिंसा का कारण बन रहे है। नशे की लत में पुरुष महिलाओं से मार पिटाई करने की शिकायते भी आयोग के पास दर्ज हैं। इन मामलों में जो महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र नही हैं, उनके साथ अधिक दिक्कते आ रही है। ऐसे में जब पति पैसा नशे में उड़ा देते हैं। तो पत्नी द्वारा रुपये मांगने पर हिंसा हो रही है। आयोग महिलाओं को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए भी जागरूक कर रहा है। अब हर जिले में मामलो की सुनवाई हो रही है।
‘अब महिलाएं अधिकारो के प्रति जागरूक हैं और इसका ही नतीजा है कि आयोग में पहले की तुलना में अधिक शिकायते आ रही हैं। इनमें घरेलू हिंसा के मामले ही अधिकांश हैं और इसकी वजह नशा व एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर है। आयोग हर जिले में सुनवाई कर रहा है। साथ ही स्कूल व कॉलेजो में जाकर भी विद्यार्थियो को उनके अधिकारो के बारे में बताया जा रहा है।
‘ -जैनब चंदेल, अध्यक्ष राज्य महिला आयोग, हिमाचल प्रदेश।