‘खंडूड़ी है जरूरी’ के नारे को लेकर पिछले विधानसभा चुनाव में उतरी भाजपा, एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी के विजन को लेकर सियासी मैदान में उतरेगी। भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में खंडूड़ी के कार्यकाल के दौरान अधूरे रह गए नीतिगत फैसलों को प्रमुखता देने की कवायद चल रही है। तबादलों का खेल खत्म करने के लिए ट्रांसफर एक्ट, सिटीजन चार्टर और लोकपाल सरीखे सुराज एवं भ्रष्टाचार उन्मूलन से जुड़े मुद्दों को अपनी सरकार बनते ही लागू करने का वादा भाजपा जनता से करेगी।
भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा उतारने से बच रही है, लेकिन उल्लेखनीय फैसलों के तौर पर खंडूड़ी के विजन को आगे बढ़ाने जा रही है। भाजपा यह मान रही है खंडूड़ी ने जनहित में जो निर्णय लिए थे, वे आगामी चुनाव में असर दिखा सकते हैं। कांग्रेस सरकार ने खंडूड़ी सरकार के निर्णयों को या तो पलट दिया या फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया। विजन डाक्यूमेंट समिति के अध्यक्ष बची सिंह रावत ने बताया कि खंडूड़ी सरकार के जनहित में लिए सिटीजन चार्टर, ट्रांसफर एक्ट और लोकपाल विधेयक आदि निर्णय प्रमुखता से विजन डाक्यूमेंट में शामिल हैं।
भाजपा सरकार के आते ही ये कड़ाई से लागू होंगे। चार जिलों के गठन का निर्णय भी हमारी सरकार ने लिया था। जनादेश मिलने पर उसे भी प्रभावी बनाया जाएगा। भाजपा विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हो रहे विजन डाक्यूमेंट-2017 में राजधानी गैरसैंण का मुद्दा शामिल नहीं है। राजधानी के मुद्दे को अपने डाक्यूमेंट से बाहर रखकर भाजपा ने बड़ी चतुराई से गैरसैंण को गेंद कांग्रेस के पाले में डाल दिया। डॉक्यूमेंट तैयार कर रही समिति का कहना है कि गैरसैंण पर अंतिम निर्णय विधानसभा को लेना है। ऐसे में राजधानी को विजन डॉक्यूमेंट में नहीं रखा है। भविष्य के उत्तराखंड में गैरसैंण पर मौन रहने वाली समिति अन्य सेक्टरों के विकास की प्लानिंग दिसंबर तक तैयार कर देगी।