एक अनसुनी कहानी , रेखा

रेखा गणेशन –  का जन्म 10 अक्टूबर 1954 में हुआ, स्टेज के कामो से उनको रेखा -रेखा नाम से जाना गया. वह एक भारतीय अभिनेत्री है जिन्हें हिंदी सिनेमा से पहचान मिली. रेखा के अन्दर बहुमुखी प्रतिभा है, जिससे वे हिंदी सिनेमा में अपनी एक अलग छाप छोड़ी छोड़ती है. रेखा ने अपना फ़िल्मी करियर एक बाल कलाकार के रूप में शुरू किया. उनकी पहली फिल्म 1996 में तेलगु भाषा में प्रसारित हुई जिसका नाम रंगुला रत्नम था. उनकी पहली हिंदी फिल्म 4 साल बाद रिलीज हुई जिसका नाम “सावन भादो” था. सफलता मिलने के पश्चात भी कुछ समय तक उन्हें फिल्मो में काम नही मिल रहा था. 1977 के अन्त में काफी मेहनत के पश्चात उन्हें फ़िल्मी अभिनेत्री के रूप में स्वीकार कर लिया गया. रेखा ने अपने 40 साल के करिअर में करीब 180 फिल्मो में काम किया. उन्होंने अपने आपको फ़िल्मी करिअर में प्रमुख महिला किरदार के रूप में पेश किया. रेखा के नाम 3 “फिल्मफयर अवार्ड्स” 2″बेस्ट एक्ट्रेस” का अवार्ड और एक “बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस” का अवार्ड है. उनका किरदार 1980 में “ख़ूबसूरत ” 1988 में “खून भरी मांग ” और 1996 में “खिलाडिय़ो का खिलाडी” विशेष रूप से पसंद किया गया. 1981 में “उमराव जान” के लिए उन्हें नेशनल फिल्म का बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिला. उन्हें अपना करिअर में काफी उतर चढ़ाव का सामना करना पड़ा. “खून भरी मांग” से उन्होंने फिर से वापसी की. इसके पश्चात् 2010 में उन्हें भारत सरकार की ओर से “पद्म श्री” अवार्ड से भी सम्मानित किया गया.

रेखा का प्रारंभिक जीवन – 

रेखा का जन्म चेन्नई में हुआ. इनके पिता “जैमिनी गणेशन” तमिल अभिनेता थे. एवं इनकी माँ “पुशापावली गणेशन” तेलगु अभिनेत्री थी. इनके पिता एक सफल अभिनेता थे. इन्ही के नक़्शे कदम पर रेखा भी चलती थी. रेखा चर्च पार्क कान्वेंट की विद्यार्थी थी. उन्हें लोग तेलगु समजते थे क्योकि उनकी मातृभाषा तेलगु थी पर वे हिंदी तमिल और अंग्रेजी भी अच्छे से बोलती थी. उनके माता पिता उनके जन्म के वक़्त विवाहित नहीं थे. इसलिए रेखा को उन्होंने अपनी पुत्री का दर्जा नही दिया. रेखा की 5 छोटी बहने व 1 छोटा भाई भी है. रेखा ने जब 1940 में बॉलीवुड में कदम रखा तब उनके कई निजी राज खुले. बाद मे जब करिअर शुरू हुआ तो उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था की उनके पिता ने उन्हें कभी अपनाया नही. घर की ख़राब हालत की वजह से इच्छा न होते हुए भी उन्हें पढाई छोड़ कर फिल्मो में आना पड़ा.

रेखा का व्यक्तिगत जीवन – 

रेखा ने दिल्ली के प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अग्रवाल से शादी की. एक साल बाद जब रेखा लन्दन में थी तब उनके पति ने सुसाइड नोट, जिसमे लिखा था की “किसी को दोषी ना ठहराया जाये” के साथ आत्महत्या करली. जिसके लिए रेखा को काफी समय तक बहुत कुछ सहना पड़ा, पर बाद मे वे निर्दोष साबित हुई.

1993 में रेखा के बारे में अफवाह उडी क़ि अभिनेता विनोद मेहरा के साथ उन्होंने शादी करली परन्तु 2004 में सिमी ग्रेवाल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस शादी से इंकार किया और विनोद मेहरा को अपना शुभ चिन्तक बताया. रेखा अभी अपने बांद्रा में स्थित घर में रहती है.

रेखा के बारे में कुछ रोचक बाते – 

1 रेखा ने अपने फ़िल्मी करिअर में 180 फिल्मे की है.
2 रेखा एक ब्राह्मण थी जो आधी तमिल और आधी तेलगु थी क्योकि उनके पिता जेमिनी गणेशन तमिल थे और उनकी माता पुश्पावली तेलगु थी. जब उनका जन्म हुआ तो उनके माता पिता अविवाहित थे.
3 रेखा उन फिल्म अभिनेत्रियों में से एक थी जो राजनीती में आयीं किन्तु फिर भी उन्हें पद्म श्री मिला.
4 शुरूआती दिनों में रेखा इतनी उभर नही पीई क्योकि तब रंगरूप को ज्यादा अहमियत दी जाती थी.
5 1976 में रेखा अमिताभ की फिल्म दो अनजाने आयी. इसी फिल्म से दोनों एक दुसरे को पसंद करने लगे. रेखा को यहा से नया मोड़ मिला.
6 1978 की फिल्म “घर” में रेखा का करिअर अतुलनीय रहा. जिसके करण फ़िल्मफेयर अवार्ड के लिए नॉमिनेशन हुआ.
7 1978 में ही मुकद्दर का सिकंदर फिल्म रेखा की सफल फिल्मो में से एक है. इस फिल्म को उस दशक की ब्लॉकब्लास्टर फिल्मो का दर्जा मिला.
8 खूबसूरत फिल्म के लिए रेखा को फिल्मफयर अवार्ड से नवाजा गया.
9 1981 में सिलसिला रेखा और अमिताभ की जोड़ी की आखरी फिल्म थी, इसके पहले इनकी जोडी ने काफी हिट फिल्मे दी. यह फिल्म रेखा, अमिताभ बच्चन, जया बच्चन की त्रिकोण प्यार के ऊपर आधारीत थीं. काहा जाता है यही से इनके प्यार का अंत हुआ.
10 1981 में रेखा की “उमराव जान” आयी जिसमे उनके अतुलनीय किरदार के लिए उन्हें “नेशनल अवार्ड” से सम्मानित किया गया था.
11 1996 में “खिलाडियों का खिलाडी” के लिए रेखा को तीसरा फिल्मफेयर अवार्ड मिला.
12 1973 में उनके बारे में अफवाह फैली थी की उन्होंने अभिनेता विनोद मेहरा से शादी करली. बादमे इसका खंडन हुआ.
13 रेखा को 1998 में अपना दूसरा फिल्मफयर अवार्ड “खून भरी मांग” के लिए मिला.

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