बर्लिन। वैज्ञानिकों ने एक नई खोज की है जिससे एचआईवी के इलाज में मदद मिलने की उम्मीद है। बंदरों की एक प्रजाति में सिमियन एम्यूनोडेफिसिएंसी वायरस (एसआईवी) के इलाज के लिए प्रभावी रणनीति खोजी गई है। इससे मनुष्यों में एचआईवी के लिए नया इलाज खोजने में मदद मिलने की पूरी संभावना है।
एसआईवी बंदरों के विभिन्न प्रजातियों को प्रभावित करता है और इसे ही एचआईवी का जनक माना जाता है। जर्मन प्राइमेट सेंटर (डीपीजेड) के वैज्ञानिकों सहित अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान टीम के अध्ययन के अनुसार, एसआईवी से संक्रमित बंदरों की एक प्रजाति का पहले 90 दिनों तक एंटीरेट्रोवायरल दवाओं से इलाज किया गया। उसके अलावा उन्हें 23 सप्ताह तक विशेष एंटीबॉडी दिया गया।
इलाज पूरा होने के बाद सभी बंदरों में संक्रमण पूर्ण रूप से नियंत्रित मिला क्योंकि उनके रक्त और आंत के उत्तकों में एसआई विषाणु नहीं मिले। इम्यून प्रणाली के लिए आवश्यक सीडी4प्लस टी कोशिकाएं इन उत्तकों में पर्याप्त संख्या में मौजूद रहेंगे।
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