एशो-आराम की जिन्दगी जीते थे नाभा जेल ब्रेक कांड के मास्टरमाइंड

देहरादून.  नाभा जेल ब्रेक कांड के मास्टर माइंड परमिंदर उर्फ पेंदा और उसका मित्र सुनील अरोड़ा देहरादून में शानो-शौकत से रहते थे। किराए के जिस मकान को इन्होंने वार रूम के तौर पर इस्तेमाल किया वहां एशो-आराम के सभी साधन मौजूद थे। एसी, महंगे सोफे और परदे, एलईडी टीवी, वाशिंग मशीन और कीमती फ्रिज आदि। इसके अलावा ये लोग महंगी कारों में घूमते रहते थे। तीन साल से यहां रहने के बावजूद इसके इन लोगों को आस-पड़ोस के किसी भी परिवार से मेलजोल नहीं था।

देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. सदानंद दाते ने बताया कि शातिरों ने दून के जिस क्षेत्र में मकान किराए पर लिया वह कोई पॉश इलाका नहीं है, बल्कि मध्यमवर्गीय है। मकान मालिक आरके शुक्ला मोदी नगर शुगर मिल से सेवा निवृत्त हैं और घर पर अकेले ही रहते हैं। सुनील अरोड़ा ने इस मकान में तीन कमरों का सेट 12 हजार रुपये प्रतिमाह किराए पर लिया था। आसपास के लोगों ने बताया कि इस घर में अक्सर लग्जरी कारों का आना-जाना लगा रहता था। हालांकि पड़ोस के परिवारों से इनका कोई मेल जोल नहीं था। छापेमारी के बाद पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि कोई नहीं जानता था कि ये लोग क्या करते हैं।

एसएसपी ने बताया कि आरके शुक्ला इस समय पीलीभीत गए हुए हैं। उन्हें बुलाया गया है। उनसे भी मकान किराए पर देने के संबंध में पूछताछ की जाएगी। एसएसपी ने बताया कि यदि उन्होंने मकान किराए पर देने से पहले सत्यापन कराया होता तो सुनील और परमिंदर पहले ही पकड़े जाते।

पत्नी और नौकर को थी साजिश की जानकारी
एसएसपी डॉ.सदानंद दाते ने बताया कि सुनील की पत्नी गीता और उसके नौकर आदित्य को साजिश की पूरी जानकारी थी। घर में जब चर्चा होती तो दोनों मौजूद रहते थे। पुलिस ने इन दोनों से मिलने-जुलने वालों के बारे में जानकारी जुटा रही है।

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