मेरठ: पुलिस की हीलाहवाली के चलते शहर में स्टंटबाजों के हौसले बुलंद है। आए दिन इनके कारनामे अखबारों की सुर्खियां बनते हैं, लेकिन शुक्रवार को पासा उल्टा पड़ गया। महिला एसओ ने स्टंटबाजों की सारी हेकड़ी निकाल दी। यही नहीं उनके आकाओं को भी दौड़ा लिया। बाद में चारों युवकों को सिविल लाइन पुलिस को सौंप दिया।
शुक्रवार दोपहर सिविल लाइन थानाक्षेत्र स्थित एनएएस कालेज रोड पर शंकर आश्रम के सामने एक बाइक पर सवार चार युवक हुड़दंग मचा रहे थे। पास में महिला थाने की एसओ बबीता तोमर भी मौजूद थीं, लेकिन दुस्साहसी युवकों की स्टंटबाजी जारी रही। महिला एसओ ने युवकों को रोक लिया। इसी बीच पीछे से सपा प्रदेश सचिव की नेम प्लेट लगी सफेद फारच्यूनर और सपा का झंडा लगी एक काली कार आकर रुकी। इस पर चारों आरोपी युवक कार में बैठ गए। कार सवार युवकों ने खुद को पार्टी से जुड़ा बताते हुए एसओ पर रौब गालिब किया। लेकिन महिला एसओ ने तथाकथित सपा नेताओं को फटकार लगाते हुए कार में बैठे चारों स्टंटबाजों को निकाल अपनी जीप में बैठा लिया। मौके की नजाकत को भांपते हुए दोनों कार सवार युवक भी निकल लिए।
नहीं पहुंची सिविल लाइन पुलिस
एसओ बबीता तोमर ने घटना के बाद तत्काल इसकी जानकारी थाना सिविल लाइन व कंट्रोल रूम को दी, लेकिन कोई पुलिसकर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। इस पर महिला एसओ ने चारों आरोपियों को अपनी जीप में ले जाकर सिविल लाइन पुलिस को सौंपा।
एनएएस के छात्र हैं चारों
महिला एसओ ने बताया कि बीच सड़क पर स्टंटबाजी करने वाले आरोपियों के नाम ऋषभ, गोलू, हर्ष और अंकित हैं। चारों एनएएस डिग्री कॉलेज के छात्र हैं, जो गंगानगर और बक्सर के रहने वाले हैं। चारों आरोपियों को सिविल लाइन पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
सपा छात्रसभा के कार्यकर्ताओं ने छुड़ाए आरोपी
घटना के कुछ ही देर बाद सपा छात्रसभा के कार्यकर्ता सिविल लाइन थाने पहुंच गए और चारों को छुड़ाने का दबाव बनाने लगे। कार्यकर्ताओं ने हंगामा भी किया। पुलिस ने सत्ता के दबाव में चारों युवकों को थाने से छोड़ दिया। जबकि बाइक का चालान करते हुए कार्रवाई की इतिश्री कर ली। एसएसआइ ओमवीर गुप्ता ने बताया कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
इन्होंने कहा..
कालेज के छात्र पकड़े गए छात्रों का पक्ष रखने के लिए थाने में पहुंचे थे। उन्होंने छात्रों को नहीं छुड़ाया। पुलिस ने छात्रों के स्टंट करने पर बाइक का चालान कर सीज कर दी। साथ ही चेतावनी देकर छात्रों को परिवार के सुपूर्द कर दिया।
डा. अरविंद कुमार, सीओ सिविल लाइन।