जिलाबदर अपराधी की सरेराह गुंडई, एसओ पर लाइसेंसी रायफल से झोंका फायर!

कानपुर : बिठूर में मारपीट की सूचना पर हमलावरों को पकड़ने गए एसओ बिठूर पर सपा नेता ने लाइसेंसी रायफल से फायर कर दिया। पुलिस उसे व दो अन्य साथियों को थाने ले आई, जबकि तीसरा साथी गाड़ी लेकर मौके से भागने में कामयाब रहा। पुलिस ने हमलावर सपा नेता के पास से रायफल, रिवाल्वर, तमंचा व कारतूस बरामद हुए हैं।

लवकुश नगर बिठूर निवासी कृपाशंकर के घर में घुसकर उनकी बेटी गोल्डी शुक्ला से गुरुवार को रमेल नगर निवासी पेम से जिला पंचायत का चुनाव लड़ चुके सपा नेता रज्जन यादव उर्फ भाटिया ने रायफल की दम पर मारपीट और चेन लूट की थी। पीड़िता ने इसकी शिकायत पुलिस से की थी। पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर लूट और हत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज की थी। रिपोर्ट दर्ज कराने की जानकारी पर शुक्रवार को रज्जन साथी बउवा, चौधरीपुर चौबेपुर निवासी गोलू यादव, रामशरण यादव संग पहुंचा और गोल्डी से मारपीट शुरू कर दी। सूचना पर एसओ बिठूर जितेंद्र सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने रज्जन को पकड़ने की कोशिश की तो उसने लाइसेंसी रायफल से फायर झोंक दिया जिसमें वह बाल-बाल बच गए तभी वहां मौजूद अन्य पुलिस कर्मियों ने उसे घेरकर पकड़ा और रायफल छीन ली। तलाशी में उसके पास से लाइसेंसी रिवाल्वर, 315 बोर का तमंचा और पांच कारतूस बरामद हुए हैं। पुलिस ने सपा नेता के साथी बउवा और गोलू यादव को गिरफ्तार किया है, जबकि तीसरा साथी रामशरण स्कार्पियो लेकर फरार हो गया। एसओ बिठूर की तहरीर पर सपा नेता के खिलाफ हत्या का प्रयास, सरकारी कार्य में बाधा, शस्त्र अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार किया है। सीओ कल्याणपुर संजीव दीक्षित ने बताया कि हमलावर सपा नेता इससे पहले यहां तैनात रहे इंस्पेक्टर संजय मिश्र और पूर्व एसओ रवि श्रीवास्तव से अभद्रता कर चुका है। सीओ कल्याणपुर के मुताबिक आरोपी सपा नेता रज्जन यादव उर्फ भाटिया जिलाबदर अपराधी है। उच्च न्यायालय से सशर्त स्टे ले आया था। जिसके तहत सोमवार को थाने पर हाजिरी लगानी थी। रवैया ठीक न होने के चलते पूर्व एसओ के कार्यकाल में ही न्यायालय में इसकी रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। रज्जन की हिस्ट्रीशीट खोलने के लिए अनुमोदन के लिए फाइल भेजी जा चुकी है।

2012 में करा चुका बड़ा बवाल

सीओ कल्याणपुर ने बताया कि रज्जन ने वर्ष 2012 में रमेल नगर में कई मकानों पर जेसीबी चलवा दी थी जिससे गांव में तनाव की स्थिति हो गई थी। एक माह से अधिक समय तक पीएसी और पुलिस अफसरों को गांव में कैंप करना पड़ा था।

दर्ज हैं ये मुकदमे

वर्ष 1997 में बलवा, 2009 में बलवा, आगजनी, छेड़खानी, 2010 में चौबेपुर में बलवा, आगजनी, 2011 में मारपीट, 2012 में बलवा, आगजनी, डकैती, 2014 में अवैध खनन, 2015 में आ‌र्म्स एक्ट, गुंडा, मिनी गुंडा, 2016 में अवैध खनन, मारपीट, लूट, हत्या का प्रयास समेत 15 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।

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