ओआरओपी के लाभार्थी थे खुदकुशी करने वाले भूतपूर्व सैनिक

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) की मांग को लेकर खुदकुशी करने वाले भूतपूर्व सैनिक रामकिशन खुद ओआरओपी के लाभार्थी थे।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि सुसाइड करने वाले 70 साल के पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल को ओआरओपी और छठें केंद्रीय वेतन आयोग का लाभ मिला हुआ था। मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि ओआरओपी के तहत जितनी रकम राम किशन को मिलनी चाहिए थी, वो नहीं मिली। ऐसा बैंक की लापरवाही की वजह से हुआ।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, हरियाणा के भिवानी जिले में एसबीआई बैंक की स्थानीय शाखा ने कुछ गड़बड़ कर दी थी, जिससे पूरी राशि उनके खाते में नहीं गई थी। ऐसे में गलती बैंक से हुई थी। मांगे ना माने जाने पर की थी आत्महत्या वन रैंक वन पेंशन को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे भूतपूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल ने बुधवार को आत्महत्या कर ली थी। अपने सुसाइड नोट में ग्रेवाल ने लिखा कि वह सैनिकों के लिए एक बड़ा कदम उठा रहे हैं। उन्होंने आत्महत्या करने से पहले बताया कि सरकार वन रैंक वन पेंशन को लेकर उनकी मांगें पूरी नहीं कर रही है, इसलिए वह आत्महत्या कर रहे हैं। वह रक्षा मंत्री को अपना ज्ञापन भी सौंपने वाले थे। अपने ज्ञापन में ही उन्होंने सबसे नीचे लिखा- मैं मेरे देश के लिए, मेरी मातृभूमि के लिए एवं अपने देश के वीर जवानों के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर रहा हूं।
जंतर-मंतर पर दे रहे थे धरना आपको बता दें कि अर्धसैनिक बल के लोग जंतर मंतर पर ये धरना पेंशन के मुद्दे पर दे रहे हैं। दरअसल, अर्धसैनिक बलों को सातवें वेतन आयोग में अर्ध सैनिक बलों के सिपाही को सिविल का दर्जा दिया गया है और उनकी तुलना 8 घंटे ड्यूटी देने वाले चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी से की गई है। भूतपूर्व सैनिक की आत्महत्या के बाद उनके परिवार के लोगों और परिवार से मिलने आए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं को दिल्ली पुलिस ने देर तक अपनी हिरासत में रखा था।

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