इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नोटबंदी के बाद को-ऑपरेटिव बैंकों का एक गड़बड़झाला पकड़ा है। इन बैंकों के बही-खातों में जो डिपॉजिट दिखाया गया है, उनके पास 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट उससे कम हैं। जयपुर, राजकोट और पुणे के कई को-ऑपरेटिव बैंकों में ऐसी गड़बड़ी का पता चला है।
इससे लग रहा है कि यह समस्या काफी बड़ी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की जांच करने वाली शाखा ने इस गड़बड़ी की जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को भी दी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक बड़े अधिकारी ने बताया, ‘ऐसे कई मामलों का पता चला है, जिनमें कागज पर जो डिपॉजिट दिखाया गया है, वास्तविक नोट उससे कम हैं।’
उन्होंने बताया कि यह मामला तब पकड़ में आया, जब इनकम टैक्स अधिकारियों ने एक सर्वे किया और कैश ले जा रही एक वैन को पकड़ा। यह वैन को-ऑपरेटिव बैंक की थी। एक बैंक में कागज पर 242 करोड़ रुपये का डिपॉजिट दिखाया गया, जबकि उसके पास 100 करोड़ रुपये से भी कम के नोट थे। अब तक ऐसी गड़बड़ी को-ऑपरेटिव बैंकों में ही दिखी है, लेकिन इनकम टैक्स अधिकारी कमर्शल बैंकों के डिपॉजिट और विदड्रॉल डेटा की पड़ताल कर रहे हैं। यह पता लगाने के लिए यह काम किया जा रहा है कि कहीं इस रास्ते का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए तो नहीं हुआ।