शहीद होने से आधे घंटे पहले शशिकांत पांडेय ने अपने धनबाद स्थित पिता राजेश्वर पांडेय को फोन किया था।
धनबाद। जम्मू-कश्मीर के पंपोर में शनिवार को करीब 3 बजे शहीद होने से आधे घंटे पहले शशिकांत पांडेय ने अपने धनबाद स्थित पिता राजेश्वर पांडेय को फोन किया था। पिता से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, आज ही जम्मू-कश्मीर पहुंचा हूं। अभी देशसेवा के लिए ड्यूटी पर जाने के लिए जूता-मौजा पहन रहा हूं बाबूजी। पिता को क्या मालूम था कि बेटे का यह आखिरी फोन होगा।
जम्मू-कश्मीर में तैनात शशिकांत पांडेय 20 दिन पहले छुïट्टी पर जियलगोरा, जोरापोखर (झरिया) आये थे। छुïट्टी पूरी करने के बाद पांच दिन पहले वे झरिया से जम्मू-कश्मीर रवाना हुए थे। पिता राजेश्वर पांडेय के मुताबिक शशिकांत पांडेय ने जम्मू-कश्मीर रवाना होने से पहले पैर छू कर प्रणाम करते हुए कहा था-बाबूजजी, देश सेवा के लिए जा रहा हूं। सुबकते हुए पिता ने कहा, सपने में भी नहीं सोचा था कि शशिकांत को वह जम्मू-कश्मीर जाने के लिए अंतिम बार विदा कर रहे हैं। शनिवार को करीब ढाई बजे शशिकांत ने मोबाइल पर पिता से बातचीत की थी।