रालोद 30 सीट तक लडऩे को तैयार था लेकिन कांग्रेस 23 सीटों पर अटक गई। पहले चरण में जिन 73 सीटों पर मतदान होगा है, वहां 2012 में रालोद ने 9 सीट जीती थी और 12 पर दूसरे नंबर पर रही थी। इस तरह कम से कम 21 सीटों पर उसका दावा था।
कांग्रेस उसे अघिकतम 12 से 15 तक सीट देने से आगे नहीं बढ़ी। रालोद के प्रभाव वाली कई सीट कांग्रेस खुद लडऩा चाहती थी। दोनों दलों के बीच गठबंधन की बात बुधवार को ही टूट गई थी। बृहस्पतिवार को एक बार फिर कोशिशें हुई लेकिन रालोद ने सीटों को लेकर बहुत ज्यादा झुकने से इन्कार कर दिया। सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंद ने यहां साफ कहा कि रालोद से गठबंधन के लिए कोई बात नहीं हो रही है। सपा का गठबंधन केवल कांग्रेस के साथ हो रहा है।