यूपी चुनाव: कांग्रेस-सपा के गठबंधन को लेकर आज हो सकती है तस्वीर साफ..

कांग्रेस ने उम्मीदवारों की सूची जारी करने के सपा के राजनीतिक दांव का पूरे दिन आकलन करने के बाद शाम को इसे दुर्भाग्यपूर्ण ठहराया।

 

नई दिल्ली। सपा उम्मीदवारों की सूची जारी करने के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के झटके से हैरान कांग्रेस ने सपा के कदम को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। सपा के दांव से कांग्रेस और सपा के बीच चुनावी गठबंधन पर संशय गहरा गया है। मगर दोनों पार्टियों में बातचीत अभी पूरी तरह टूटी नहीं है। कांग्रेस की ओर से गठबंधन को सिरे चढ़ाने की आखिरी कोशिशें जारी है। गठबंधन के हिमायती कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खुद समझौते का फार्मूले निकालने की हो रही आखिरी कसरत में शामिल हैं। ऐसे में यह तय माना जा रहा कि शनिवार को तय हो जाएगा कि उप्र में गठबंधन सिरे चढे़गा या कांग्रेस अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी।

कांग्रेस ने उम्मीदवारों की सूची जारी करने के सपा के राजनीतिक दांव का पूरे दिन आकलन करने के बाद शाम को इसे दुर्भाग्यपूर्ण ठहराया। पार्टी की चुनावी रणनीति पर लगे आघात पर विचार मंथन के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने प्रवक्ता अजय माकन को प्रतिक्रिया देने के लिए मैदान में उतारा। माकन ने कहा कि सपा का यह कदम इसलिए दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की पूरी रूपरेखा तय हो गई थी और इसका एलान होना बाकी था। उन्होंने कहा कि सपा ने जिन 191 सीटों की सूची जारी की है उनमें कांग्रेस के 9 सीटिंग विधायक की सीटें भी हैं। माकन ने गेंद सपा के पालने में डालते हुए कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से गुलाम नबी आजाद की वार्ता के बाद ही कांग्रेस ने गठबंधन की घोषणा की थी। इस वार्ता में गठबंधन पर पूरी सहमति बन गई थी। सपा ने उम्मीदवारों के एलान का यह कदम उठाया है। हालांकि माकन ने इस बारे में पूछे गए सवाल से कन्नी काट ली। गठबंधन होगा या नहीं इसका भी माकन ने सीधे जवाब नहीं दिया और कहा कि गुलाम नबी और अखिलेश यादव के बीच अभी वार्ता होगी। कांग्रेस इस वार्ता के नतीजे का इंतजार करेगी। कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने के बारे में भी फैसला अखिलेश-आजाद वार्ता के बाद ही करेगी।

कांग्रेस हाईकमान के इस रुख से साफ है कि पार्टी ने सपा से गठबंधन की आखिरी उम्मीदें अभी नहीं छोड़ी है। कांग्रेस के एक शीर्ष रणनीतिकार ने सपा के कदम को अधिक सीटें हासिल करने की खींचतान में चला गया दांव बताते हुए कहा कि गठबंधन की आस अभी बाकी है। समझा जाता है कि सपा ने कांग्रेस को 58 सीटें जीतने लायक मानते हुए दी थी मगर उसकी राजनीतिक प्रतिष्ठा बचाए रखने के लिए सीटों का यह आंकड़ा बढ़ाकर 85 तक कर दिया। इस पर सहमति बन गई तो फिर कांग्रेस ने अपनी मांग बढ़ाकर 125 सीटों की कर दी। इसी से नाराज अखिलेश ने शुक्रवार को अपनी सूची जारी कर कांग्रेस को झटका दिया।

अखिलेश का दांव इस लिहाज से कांग्रेस के लिए जबरदस्त झटका था क्योंकि पार्टी गठबंधन तय मान इसका एलान करने की तैयारी कर रही थी। इसीलिए सपा नेतृत्व के कदम पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करने की बजाय भौंचक कांग्रेस हाईकमान ने शुक्रवार को अपने शीर्ष नेताओं के साथ आपात बैठकों का सिलसिला शुरू किया। राहुल गांधी ने उत्तरप्रदेश के प्रभारी गुलाम नबी आजाद से बैठकों का दो दौर किया। कांग्रेस की सियासी डगर में आए इस नाजुक मोड़ को देखते हुए प्रियंका गांधी भी राहुल के साथ बैठक में शामिल हुई। इसके बाद गठबंधन का एलान करने लखनऊ पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर को एयरपोर्ट पर उतरते ही हाईकमान ने नए हालातों पर चर्चा के लिए दिल्ली वापस बुला लिया।

 

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