तौल केंद्र के कांटे में गड़बड़ी,किसानों ने जमकर किया हंगामा!

नारसन: खेड़ाजट गांव में तौल केंद्र पर घटतौली से आक्रोशित किसानों ने जमकर हंगामा काटा। मौके पर आए शुगर मिल कर्मचारी को न केवल पीटा बल्कि पांच कर्मचारियों को ट्राली से बांध दिया। किसानों का आरोप है कि तौल केंद्र पर दो से तीन कुंतल की घटतौली की जा रही है। बंधक कर्मचारियों के घटतौली स्वीकार करने पर उन्हें मुक्त किया गया। शुगर मिल के अधिकारियों ने तौल केंद्र का कांटा बदलने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही किसान शांत हुए।

खेड़ाजट गांव में उत्तम शुगर मिल का तौल केंद्र बना हुआ है। बुधवार को सैकड़ों किसान तौल केंद्र पर पहुंचे और एक ट्रैक्टर-ट्राली पर दो से तीन कुंतल तक घटतौली करने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। किसानों का आरोप था कि काफी समय से वह शुगर मिल को घटतौली की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। मौके पर मौजूद तौल बाबू राजकुमार को काम करने से रोक दिया। इसके बाद किसानों ने शुगर मिल के अधिकारियों को सूचना दी। किसानों के हंगामा होने पर जोनल इंचार्ज लोकेंद्र, कर्मचारी प्रमेंद्र, योगेश समेत चार कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। किसानों ने इनसे घटतौली की शिकायत की। आरोप है कि कर्मचारी प्रमेंद्र ने घटतौली की जांच करने से आनाकानी की। इसी बात से आक्रोशित किसानों ने गन्ना उठाकर प्रमेंद्र को पीटना शुरू कर दिया। कर्मचारी से मारपीट होते देख अन्य कर्मचारी सहम गए। घटना से मौके पर अफरातफरी मच गई। आक्रोशित किसानों का गुस्सा यहीं नहीं थमा। उन्होंने मारपीट के बाद पांचों कर्मचारियों को ट्राली से बांध दिया। इसके बाद इसकी सूचना मिल के आला अधिकारियों को दी। मामला बढ़ता देख बंधक बने कर्मचारियों ने तौल केंद्र के कांटे में गड़बड़ी की बात स्वीकारी। इसके बाद इन्हें मुक्त कर दिया गया। शुगर मिल के गन्ना प्रबंधक अनिल ¨सह ने सात दिनों के भीतर तौल केंद्र पर कंप्यूटराइज्ड कांटे के बजाय सामान्य कांटा लगवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही किसानों का गुस्सा शांत हो सका। वहीं, किसानों ने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो मिल के गेट पर धरना देकर काम बाधित किया जाएगा। इस मौके पर हरेंद्र ¨सह, विनय, गुड्डू, कुशलवीर, धीरेंद्र, राजेंद्र, सचिन, सुमित, अनिल, तेजपाल समेत सैकड़ों किसान मौजूद थे।

बाहर से गन्ना खरीदकर काला धन निकालने का आरोप

कर्मचारियों को बंधक बनाने के दौरान किसान नेता अनिरुद्ध वर्मा और हरेंद्र ने कहा कि शुगर मिल स्थानीय किसानों के बजाय बाहरी किसानों का गन्ना नकद खरीद रही है, ताकि काला धन सफेद किया जा सके। साथ ही स्थानीय किसानों को पर्ची नहीं दिए जाने का भी आरोप लगाया, जिससे क्रय केंद्र खाली नहीं हो रहे हैं। किसानों को काफी परेशानी हो रही है, लेकिन मिल अधिकारी चुप हैं।

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