किस भगवान ने सिखाई जीवन जीने की कला ?

इंदौर। नगर प्रतिनिधि नौ दिनों की रामकथा में छाया राम जन्म का उल्लास

भगवान राम ने हमें जीवन जीने की कला सिखलाई है। उन्होंने बतलाया कि एक आदर्श पुत्र, पति, पिता, भाई के साथ प्रजा पालक कैसा होता है। राम राज्य में रिश्ते में जो स्नेह और प्रेम था उसका उदाहरण आज भी हम देते हैं।

यह बात कथा वाचक कृष्णकांत शास्त्री ने शुक्रवार को पारसी मोहल्ला छावनी में कही। वे नौ दिनी रामकथा में राम जन्मोत्सव का वर्णन कर रहे थे। भजनों के जरिए भगवान की स्तुति गाई गई। मनीष शर्मा ने बताया कि 23 नवंबर तक कथा प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक होगी। केके गोयल, घनश्याम व्यास, रितेश शर्मा, मुकेश शर्मा, विजय चौहान आदि मौजूद थे।

 

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