क्या आप जानते है क्यों होता है डायबिटीज (सुगर, मधुमेह)

डायबिटीज का कारण आनुवांशिक माना जा रहा है लेकिन खराब जीवनशैली व शारीरिक सक्रियता के अभाव में अधिक आयु के अलावा बच्चों-युवाओं में भी इसके रोगी बढ़ गए हैं।
श्रीगंगानगर
डायबिटीज का कारण आनुवांशिक माना जा रहा है लेकिन खराब जीवनशैली व शारीरिक सक्रियता के अभाव में अधिक आयु के अलावा बच्चों-युवाओं में भी इसके रोगी बढ़ गए हैं। कृषि बाहुल्य श्रीगंगानगर जिले में लोगों की सेहत ज्यादा अच्छी नहीं है। डॉक्टर्स से बात की गई तो पता चला कि श्रीगंगानगर जिले के 100 में 15 से 20 प्रतिशत से अधिक रोगी शुगर (डायबिटीज)से पीडि़त हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के लिए डायबिटीज की बीमारी एक बहुत बड़ी चुनौती है। डायबिटीज टाइप वन और टाइप टू प्रकार का होता है। टाइप वन में कम आयु के युवक-युवतियां और बच्चे आते हैं,जबकि टाइप टू में 40 वर्ष से अधिक आयु के रोगी शामिल होते हैं। उल्लेखनीय है कि नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज कार्यक्रम (एनसीडी प्रोग्राम) में चिकित्सा विभाग की ओर से डायबिटीज रोगियों की ग्लुकोमीटर स्ट्रीप से स्क्रीनिंग करवाई गई थी। पिछले साल चिकित्सा विभाग ने जिला चिकित्सालय, सीएचसी, पीएचसी और सब सेंटर पर एएनएम को डायबिटीज की जांच के लिए एक लाख 75 हजार स्ट्रीप भिजवाई गई थी। डायबिटीज की जांच करने के लिए एएनएम को ग्लुकोमीटर पहले ही आवंटित कर रखा है।
35 पर जांच कराना
आमतौर पर एक स्वस्थ्य व्यक्ति को 35 साल की आयु के बाद सेहत संबंधी जांचें जैसे ब्लड टैस्ट, ब्लड शुगर टेस्ट आदि करवानी चाहिए ताकि अगर कोई आंशका हो तो उससे बचाव के तरीके और समय पर इलाज को अपनाया जा सके। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति जिनमें डायबिटीज का खतरा रहता हैं उन्हें 20 साल की आयु से ही कोलेस्ट्रॉल, किडनी और हृदय से जुड़ी प्रमुख जांचें कराने की सलाह दी जाती है। साथ ही गर्भावस्था में भी रोग की आशंका होने पर संबंधित जांचें करवा लेनी चाहिए।
कब होती है बीमारी
शरीर में शर्करा के नियंत्रण का कार्य इन्सुलिन का है, जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन नहीं बनता है तब मधुमेह की बीमारी होती है। इस बीमारी में शक्कर की मात्रा बढ़ जाती है।
क्या है लक्षण
अधिक भूख-प्यास लगना, खाने के बावजूद थकान होना, बहुत प्यास लगना, पिंडलियों में दर्द होना, बार-बार संक्रमण होना, फोड़े फुन्सियां होना, महिलाओं को बार-बार योनि में संक्रमण होना, बार-बार मूत्र त्याग करना, सुस्ती लगना, आंखों से धुंधला दिखना और चश्में का नम्बर बार-बार बदलना।
फैक्ट फाइल—
क्या है स्थिति
-डायबिटीज -15 से 20 प्रतिशत
-रक्तचाप-15 प्रतिशत
-हृदय-10 प्रतिशत
-(डॉक्टर से बातचीत करने पर पता चला है कि जिले 100 रोगियों में15 प्रतिशत रोगी डायबिटीज से पीडि़त की पुष्टि हुई है)।
7.7 करोड़ लोगों में प्री-डायबिटीज की आंशका है। वर्ष 2035 तक ये आंकड़े 10.9 करोड़ तक पहुंचने की आंशका है।
-100-125 मिग्रा प्रति डेसीलीटर होती है प्री-डायबिटीज के मरीज में ब्लड शुगर की रेंज।
-80-85 प्रति मामलों में टाइम-2 डायबिटीज के रोगियों की बढ़ती संख्या का प्रमुख कारण है मोटापा।
-30-40 मिनट एक्सरसाइड रोजाना करने से डायबिटीज के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसमें वॉक व साइक्लिंग कर सकते हैं।
-07 करोड़ से ज्यादा वयस्क भारत में मधुमेह से ग्रस्त है।
(स्रोत-अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फैडरेशन)-

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