क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री फिदेल कास्त्रो का निधन

क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री फिदेल कास्त्रो का निधन हो गया। उनकी उम्र 90 वर्ष थी। वे 1959 से 1976 तक क्यूबा के प्रधानमंत्री थे और इसके बाद 1976 से 2008 तक राष्ट्रपति भी रहे। संयुक्त राष्ट्र में सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम है।

क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी के सेक्रेटरी के पद पर वे 1961 से 2011 तक रहे। उन्होंने 1959 में क्रांति के जरिए अमेरिकी पिट्ठू फुल्गेंकियो बतिस्ता की तानाशही को उखाड़ फेंका था और सत्ता में आए थे। यहां फिदेल कास्त्रो के बारे में जानें कुछ अहम जानकारियां:

  • फिदेल कास्त्रो ने पांच दशकों तक क्यूबा पर शासन किया और इसके बाद आधिकारिक तौर पर साल 2008 में सर्जरी होने की वजह से सत्ता अपने भाई को सौंप दी।
  • अपने अंतिम सालों में बहुत कम बार सार्वजनिक तौर पर नजर आए। इस बार कास्त्रो का जन्मदिन कार्ल मार्क्स सभागार में आयोजित किया गया था। इस समारोह का पूरे देश में लाइव टेलिकास्ट भी हुआ था। हालांकि, बेहतर स्वास्थ्य न होने के बावजूद वे मीडिया में लगातार कॉलम लिखते रहते थे।

संयुक्त राष्ट्र में सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड कास्त्रो के पास ही है। उन्होंने 26 सितंबर, 1960 को चार घंटे और 29 मिनट तक भाषण दिया था। इसके अलावा उन्होंने हवाना में कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस के कार्यक्रम में सात घंटे तीस मिनट तक का भाषण भी दिया था।

उनका दावा था कि उन्हें 634 बार मारने की कोशिश की गई थी। उन्होंने इसका आरोप केंद्रीय खुफिया एजेंसी पर लगाया था। कास्त्रो का दावा था कि उन्हें मारने के लिए जहरीली दावाओं, जहरीले सिगार, पाउडर और अन्य चीजों का इस्तेमाल किया गया था।

सिगार पीने के शौकीन रहे फिदेल कास्त्रो ने अंतिम बार 1985 में सिगार पी थी। इसके बाद उन्होंने तंबाकू की आलोचना भी की थी। कई सालों बाद उन्होंने कहा था कि सिगार के साथ आप जो सबसे अच्छी चीज कर सकते हैं,वो है कि आप उसे अपने दुश्मन को दे दें।

साल 2012 में टाइम मैगजीन ने कास्त्रो को दुनिया की 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में स्थान दिया था। कास्त्रो के परिवार की बात करें तो पांच महिलाओं से उनके 9 बच्चे थे। सबसे बड़े बेटे का नाम फिदेल कास्त्रो डायज बार्लट था। उनमें अपने पिता की छवि देखी जाती थी

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