इस घर में खजांची नाथ के कदम क्या पड़े कि मुख्यमंत्री ने मां को उसकी हिम्मत के लिए दो लाख की चेक देने की घोषणा कर दी। लखनऊ में दो लाख रुपये की चेक मिलने के बाद खुशियों का माहौल है।
कानपुर देहात। ‘यथा नामो तथा गुणौ’ यानि जैसा नाम वैसा गुण, यह कहावत झींझक के परिवार में जन्मे खजांची नाथ पर सटीक बैठती है। नोटबंदी के बाद धन निकासी के लिए पीएनबी की लाइन में लगी दिव्यांग मां ने उसे जन्म दिया तो परिवार ने उसका नाम खजांची नाथ रखा दिया।
इस घर में खजांची नाथ के कदम क्या पड़े कि मुख्यमंत्री ने उसकी मां को उसकी हिम्मत के लिए दो लाख की चेक देने की घोषणा कर दी। परसों लखनऊ में दो लाख रुपये की चेक मिलने के बाद परिवार में खुशियों का माहौल बना है। झींझक ब्लाक के सरदारपुर के मजरा शाहपुर डेरापुर की बाएं पैर से दिव्यांग सर्वेशा देवी के गर्भवती होने के बाद छह माह पहले उसके पति की मौत हो गई थी। शासन से उसे लोहिया आवास आवंटित हुआ था। दो दिसंबर को वह सास शशि के साथ पंजाब नेशनल बैंक शाखा में लोहिया आवास की किश्त का धन निकालने गई थी। काफी देर तक लाइन में लगे रहने के दौरान उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी और बैंक परिसर में खजांची का जन्म हो गया था।
नवजात का जन्म बैंक में होने के चलते चाचा अनिल नाथ ने उसका नाम ही खजांची नाथ रखा दिया था।
सर्वेशा परसों नवजात खजांची नाथ को लेकर लखनऊ में कालीदास मार्ग पर मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर पहुंची। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सर्वेशा को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता चेक दी। मुख्यमंत्री के हाथों मिली सहायता राशि पाकर सर्वेशा फूली नहीं समाई। घर लौट कर उसने कहा कि पति की मौत के बाद परिवार का भरण पोषण तक करना मुश्किल था। ऐसे में खजांची परिवार के लिए खजांची बनकर आया।