राहुल गाँधी से हाथ मिला कर अखिलेश मुलायम को दे सकते है झटका

उत्तर प्रदेश-  समाजवादी पार्टी में मचे सियासी घमासान के बीच अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव को एक और झटका देने जा रहे हैं. मुलायम की रजामंदी के बगैर अखिलेश अब कांग्रेस के साथ गठबंधन की तैयारी में हैं.

सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन का रोडमैप तैयार हो चुका है और इस संबंध में जल्द ही घोषणा की जा सकती है. बताया जा रहा है कि गठबंधन होते ही राहुल गांधी और अखिलेश यादव प्रदेश भर में संयुक्त चुनाव प्रचार पर निकलेंगे.

संयुक्त चुनाव प्रचार के मौके पर राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद रहेंगी. इसी हफ्ते गठबंधन की घोषणा होते ही अखिलेश यादव, उनकी पत्नी और कन्नौज से सांसद डिंपल यादव, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की मुलाक़ात दिल्ली में होगी. इसमें इस संयुक्त चुनाव प्रचार की लॉन्चिंग की जाएगी.

90 सीटों पर कांग्रेस लड़ सकती है चुनाव

बताया जा रहा है कि गठबंधन के तहत अखिलेश यादव कांग्रेस को 90 सीटें दे सकते हैं. इस सिलसिले में अखिलेश और प्रियंका की बात लगभग फाइनल हो चुकी है. बुधवार को राहुल गांधी की दिल्ली में यूपी पार्टी के नेताओं से भी बैठक होने वाली है. इस बैठक में प्रियंका गांधी, यूपी प्रभारी घुलाम नबी आजाद, प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर भी शामिल होंगे. कहा जा रहा है कि इस बैठक में गठबंधन को मंजूरी मिल सकती है.

बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी और परिवार में चल रहे विवाद की वजह से इस लॉन्चिंग में देरी हुई. अब जब अखिलेश और मुलायम खेमा समाजवादी पार्टी और उसके सिंबल को लेकर चुनाव आयोग में है, ऐसे में 13 जनवरी को चुनाव आयोग की ओर से फैसला सुनाते ही इसकी घोषणा भी हो सकती है.

यह भी कहा जा रहा है कि अखिलेश और प्रियंका गांधी की गठबंधन को लेकर दिसंबर में बात हो चुकी है. दोनों ही गठबंधन को लेकर सकारात्मक दिख रहे हैं. अब जब राहुल गांधी अपनी छुट्टी से वापस आ चुके हैं तो उम्मीद जताई जा रही है कि इस हफ्ते गठबंधन पर मुहर लग सकती है.

बिहार चुनाव नतीजे है मुलायम के डर की वजह

हालांकि मुलायम सिंह यादव पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस से गठबंधन नहीं होगा. इसके पीछे मुलायम की सोच अलग है. कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी अगर कांग्रेस से गठबंधन करती है तो उसका फायदा कांग्रेस को ज्यादा होगा.

मुलायम के इस सोच के पीछे बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे हैं, जिसमें लालू की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस को सबसे अधिक फायदा मिला था.

महागठबंधन करके जहां राजद (80) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, वहीं कांग्रेस (27) के सीटों में भी इजाफा हुआ था. नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड को महज 71 सीटें ही मिली थी. मुलायम को डर है कि 1992 में कांग्रेस की परम्परागत वोट बैंक (मुसलमान) में सेंध लगाकर पार्टी को खड़ा करने के बाद कहीं एक बार फिर कांग्रेस को प्रदेश में पैर पसारने का मौका न मिल जाए.

दूसरी तरफ कांग्रेस गठबंधन को लेकर इच्छुक है. उसे पता है कि अकेले वह चुनाव नहीं जीत सकती. यही वजह है कि कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित भी कह चुकी हैं कि अगर गठबंधन होता है तो वह युवा और लोकप्रिय नेता अखिलेश यादव के लिए रास्ते से हट जाएंगी.

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