जमशेदपुर। नोटबंदी की चपेट में आए गुटखा किंग के नाम से मशहूर व्यवसायी जेपी सिंघानिया और उनके सहयोगियों पर आयकर का शिकंजा कसता ही जा रहा है। 500-1000 के पुराने नोटों के इन बंडलों को देखकर आयकर अधिकारी भी हैरान हैं। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिंघानिया 95 करोड़ की पुरानी करेंसी खातों में जमा कराने के बाद भी इन नोटों को खपाने में सफल नहीं हो सके। आयकर अन्वेषण विभाग द्वारा शुक्रवार को जमशेदपुर (4), रांची (5) व कोलकाता (2) के कुल 11 ठिकानों पर हुई छापेमारी में कालाधन का बड़ा भंडार मिला है। सिंघानिया के ठिकाने से भारी संख्या में पुरानी करेंसी मिलने की सूचना के बाद आयकर अन्वेषण विभाग की जमशेदपुर टीम ने नितेश भालोटिया व ललित अग्रवाल के घर पर रात दो बजे तक गहन छानबीन की। विभाग के उपनिदेशक विजय कुमार के नेतृत्व में चप्पा-चप्पा खंगालने के बावजूद जुगसलाई स्थित नितेश और डिमना रोड मानगो निवासी ललित के आवास से पुराने नोट नहीं मिले। नितेश व ललित के पास जो भी पुराने नोट थे, सभी बैंक में जमा कर दिए गए थे। जमशेदपुर में सिंघानिया के एजेंटों के करीब 50 बैंक खाते मिले, जिन्हें तत्काल प्रभाव से फ्रीज कर दिया गया है। आयकर विभाग ने बैंकों से स्टेटमेंट भी मांगा है, ताकि इस बात के सुबूत मिल सकें कि इन खातों में कितने पुराने नोट जमा हुए। स्टेटमेंट से यह भी पता चलेगा कि खातों में जमा रुपये कहां गए। बहरहाल, आयकर अन्वेषण विभाग की जमशेदपुर टीम ने छापेमारी की पूरी रिपोर्ट रांची मुख्यालय को भेज दी है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
200 फीसद तक लग सकता जुर्माना छापेमारी में जो रुपये जब्त किए गए, उसमें पकड़े गए पुराने नोट का 85 फीसद आयकर विभाग जब्त कर लेगा। इसके बाद जब्त राशि पर 50 से 200 फीसद तक जुर्माना भी वसूला जा सकता है। फिलहाल विभाग को 25 लाख रुपये के ही पुराने नोट मिले हैं, लेकिन खातों में जमा राशि यदि आय से अधिक मिली तो उसे भी इसी एक्ट के तहत ले लिया जाएगा। बहरहाल नकदी का ब्योरा एकत्र करने व इसकी जांच में 10-15 दिन का समय लग सकता है।