गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) से पैसे निकालने का सिलसिला जारी है। निवेशकों ने 2016 में इनमें से 942 करोड़ रुपये की पूंजी खींच ली। यह लगातार चौथा साल है जब ऐसे उत्पादों से निवेशकों का मन खिन्न होता रहा।
गोल्ड ईटीएफ शेयर की तरह है। इसमें ब्रोकर के जरिये डिजिटल रूप से सोना खरीद और बेच सकते हैं। यह एक यूनिट फंड है। इसमें निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह कि सोने का रखरखाव, बीमा और सुरक्षा से जुड़ी चिंता नहीं रहती।
म्यूचुअल फंडों के एसोसिएशन एम्फी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 2015 में गोल्ड ईटीएफ से 891 करोड़ रुपये निकाले गए थे। इसी प्रकार 2014 में इनमें से 1651 करोड़ रुपये और 2013 में 1815 करोड़ रुपये बाहर गए। 2012 में गोल्ड ईटीएफ में 1826 करोड़ रुपये का कुल निवेश हुआ। गोल्ड ईटीएफ की तुलना में बीते कुछ सालों में खुदरा निवेशकों ने इक्विटी और डेट म्यूचुअल फंडों में ज्यादा पैसा लगाया है।
सोना-चांदी फिसले
विदेश में कमजोरी देख आभूषण निर्माताओं ने शुक्रवार को सोने में लिवाली से हाथ खींचकर रखे। इसके चलते स्थानीय सराफा बाजार में इसमें लगातार तीन सत्रों से जारी तेजी थम गई। यह पीली धातु 20 रुपये फिसलकर 28 हजार 710 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुई। बीते तीन सत्रों में यह 450 रुपये चमकी थी। इसी तरह औद्योगिक यूनिटों और सिक्का निर्माताओं की मांग के अभाव में चांदी भी 500 रुपये लुढ़ककर 40 हजार 100 रुपये प्रति किलो हो गई।