मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में छह निजी मिडिल स्कूलों की मान्यता का नवीनीकरण करने के कथित घोटाले में लोकायुक्त पुलिस ने शिक्षा विभाग के दो अफसरों समेत आठ लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया.
लोकायुक्त पुलिस के डीएसपी एसएस यादव ने बताया कि इंदौर के तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी संजय गोयल, शिक्षा विभाग के तत्कालीन विकासखंड स्त्रोत समन्वयक (बीआरसी) मनोहर धीमान और छह निजी मिडिल स्कूलों के संचालकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की सम्बद्ध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
यह मामला एक स्थानीय निवासी की वर्ष 2015 में की गयी शिकायत पर जांच के बाद पंजीबद्ध किया गया है.
डीएसपी ने बताया कि गोयल और धीमान ने अपने सरकारी पद का कथित दुरुरपयोग करते हुए बगैर किसी भौतिक सत्यापन के छह निजी मिडिल स्कूूलों की मान्यता का नवीनीकरण किया जबकि इन संस्थानों में न तो नियमानुसार खेल मैदान हैं, न ही अन्य जरूरी सुविधाएं.
यादव ने मामले की शुरूआती जांच के हवाले से बताया कि शिक्षा विभाग के दोनों अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने मिडिल स्कूल संचालकों से भ्रष्ट सांठ-गांठ कर पिछले पांच साल में इन संस्थानों की मान्यता नवीनीकरण के आदेश जारी किए.
मामले में विस्तृत जांच जारी है. फिलहाल किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.