कैश वैन लूट के मामले में तीन अपराधी गिरफ्तार,चिप को लेकर डरे हुए थे

नई दिल्ली। पुलिस ने 19 दिसंबर को कैश वैन से की गई चोरी के मामले में तीन लोगों को पांडव नगर से सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस ने उनके पास से 9.5 लाख रुपए और अपराध में इस्तेमाल की गई देसी पिस्तौल बरामद की है।

पुलिस ने बताया कि लूट के मास्टरमाइंड, बिट्टू (29) एक कार चलाई थी। वह अक्सर एटीएम भरने के लिए आने वाली नकदी वैन की कम सुरक्षा व्यवस्था को देखता था। इसके बाद में उसने अपराध को अंजाम देने के लिए एक साजिश बनाना शुरू कर दिया।

ऐसे बनाई लूट की योजना

वह संभवतः अकेले डकैती की वारदात को अंजाम नहीं दे सकता था। लिहाजा उसने रोहित नागर (19) और सनी शर्मा (22) को अपने साथ मिलाया। तीनों ने अपने लक्ष्यों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी जुटाई। वे विभिन्न नकदी वैन के कैश लेकर निकलने की जगह से लेकर कैश वैन के गंतव्यों तक चालक दल की गतिविधियों पर नजर रखने और मशीनों में कैश भरने की प्रक्रिया को ध्यान से देख रहे थे।

जब उन्हें इनकी कमियां पता चल गईं, तो इकका लाभ लेने के लिए वे तैयार हो गए। योजना के पहले चरण के तहत उन्होंने सिविल लाइंस से एक मोटरसाइकिल चुराई और करावल नगर में बिट्टू के संपर्क की मदद से नंबर प्लेट को बदल दिया।

19 दिसंबर को तीनों ने एक कैश वैन का पीछा किया। शकरपुर, लक्ष्मी नगर और निर्माण विहार के पास तीन बार वैन पर हमला करने की कोशिश की। मगर, वहां आस-पास भीड़ अधिक होने के कारण हमला नहीं करने का फैसला किया। पटपड़गंज क्रॉसिंग के पास अपेक्षाकृत कम भीड़ देखकर तीनों ने सोचा कि यह यहां से हमला कर बच निकलना आसान होगा।

डराने के लिए चलाई गोली

उन्होंने गार्ड को डराने के लिए गोलीबारी शुरू कर दी। कैश बैग लेकर चल रहे क्रू मेंबर के साथ नागर की छोटी मोटी झड़प हो गई और उसने इसे छीन लिया, जबकि शर्मा ने बंदूक की नोक पर चालक और गार्ड को ले लिया। इसके बाद तीनों वहां से यमुना पुश्ता के लिए भाग निकले।

वहां उन्होंने बैग से नकदी निकलाकर अपनी जेबों में भर ली। वे एक नाले के बगल में खाली बैग और बाइक छोड़कर भाग निकले। पुलिस उन तक नहीं पहुंच सके इसलिए

तीनों बदमाशों ने घर पहुंचने के लिए दो बार ऑटोरिक्शा बदले। वारदात के एक दिन बाद वे तीनों हरिद्वार चले गए।

नोट में जीपीएस चिप्स की अफवाहों से थे परेशान

मगर, उन्होंने लूट की रकम को खर्च नहीं किया। वे चोरी की खबर के बारे में टीवी चैनलों पर लगातार देख रहे थे। इस दौरान उन्हें नोट में एम्बेडेड जीपीएस चिप्स होने की अफवाहों का भी पता चला और उन्होंने इसे बहुत गंभीरता से लिया। इस दौरान पुलिस भी अपराधियों को पकड़ने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया।

एडिशनल डीसीपी साथिया सुंदरम ने तीनों को पकड़ने के लिए चार टीमें बनाकर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भेजी। डीसीपी (पूर्व) ओमवीर सिंह ने कहा कि सूचनाओं के आधार पर पूर्वी दिल्ली के एक मॉल के बाहर अपराधियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया। बिट्टू, नागर और शर्मा एक चोरी की कार से मॉल में आए और उन्हें वहीं गिरफ्तार कर लिया गया।

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