बीजिंग, बढ़ते प्रदूषण से परेशान चीन 2020 तक कोयला खनन बंद कर देगा। वहां अभी तीन कोयला खदानों में काम चल रहा है। इन्हें अगले चार साल में बंद करने का लक्ष्य है।
इस कदम के साथ ही चीन में कोयला खनन का 800 साल पुराना काम बंद हो जाएगा। चीन कोयला खपत के मामले में दुनिया में पहले स्थान पर है, लेकिन धीमी विकास दर से इसकी मांग लगातार गिर रही है।
साथ ही प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए देश धीरे-धीरे जीवाश्म ईधन का इस्तेमाल कम कर रहा है। 2016 में चीन ने 18 लाख टन की उत्पादन क्षमता वाली दो कोयला खानों को बंद किया है।
बीजिंग म्यूनिसिपल कमीशन ऑफ डेवलपमेंट एंड रिफॉर्म के सहायक निदेशक ली बिन ने बताया कि 2020 तक कोयला खनन उद्योग को पूरी तरह विदा कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि चीन में सर्दियों में बड़े पैमाने पर घरों को गर्म रखने के लिए कोयला जलाया जाता है।
इसी कारण सर्दी के मौसम में यहां प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता है। गुरुवार को बीजिंग में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर के कारण ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया। चार श्रेणी की चेतावनी प्रणाली में यह दूसरी सर्वोच्च चेतावनी श्रेणी है।