मुंबई- विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कोंकण में वापसी की है। सिंधुदुर्ग जिले में राणे ने शिवसेना नेता व प्रदेश के गृह राज्य मंत्री दीपक केसरकर को शिकस्त दी है। सिंधुदुर्ग की सावंतवाडी नगर परिषद में कांग्रेस ने 17 में से 8 सीटों पर सफलता हासिल की। केसरकर जब राष्ट्रवादी कांग्रेस में थे तब उन्होंने राकांपा को सभी 17 सीटों पर जीत दिलाई थी। दूसरी तरफ राकांपा के वरिष्ठ नेता व विप में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे अपनी चचेरी बहन राज्य की महिला व बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे को मात देने में सफल रहे हैं। पंकजा के गृह जिले बीड़ में भाजपा को हार मिली है।
कोंकण के ही देवगड़-जामसांडे नगर पंचायत में कांग्रेस 10 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में ऊभरा है। जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना को 1-1 सीट से संतोष करना पड़ा है। वेंगुर्ला में भाजपा को पहली बार सफलता मिली। कांग्रेस की सफलता पर राणे ने कहा कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस मिलकर लड़ती तो नतीजा कुछ और होता। उन्होंने कहा कि दोनों कांग्रेस साथ होती तो सभी नगर पालिकाओं में आघाड़ी की सत्ता आती। शिवसेना की पराजय के बाद केसरकर ने कहा कि मैंने और मुख्यमंत्री ने गठबंधन के लिए बहुत प्रयास किए। लेकिन स्थानीय स्तर पर नेताओं ने अलग-अलग लड़ना पसंद किया। हार के लिए मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता। लेकिन पराजय से पार्टी को झटका लगा है।
मंत्री लोणीकर की पत्नी हारी
जालना जिले की परतूर नगर परिषद में प्रदेश के जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री बबनराव लोणीकर को तगड़ा झटका लगा है। लोणीकर की पत्नी मंदाकिनी लोणीकर को हार का सामना करना पड़ा है। जालना के भोकरदन में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रावसाहब दानवे भी पार्टी को सफलता नहीं दिला सके।
तटकरे को टक्कर नहीं दे पाए भतीजे संदीप
राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे रोहा नगर परिषद पर अपना वर्चस्व बरकरार रखा है। चुनाव के ठीक पहले सुनील तटकरे के भतीजे संदीप तटकरे ने शिवसेना का दामन थाम लिया था। इससे रोहा नगराध्यक्ष पद के लिए संदीप तटकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस के उम्मीदवार संतोष पोटफोडे के बीच कड़ा मुकाबला था। लेकिन तटकरे अपने भतीजे पर भारी पड़े। यहां से राकांपा ने जीत हासिल की है।
पालघर में मंत्री सावरा की करारी हार
भाजपा नेता व राज्य के आदिवासी विकास मंत्री विष्णु सावरा को पालघर जिले में करारी हार
का सामना करना पड़ा है। जिले की तीन नगर परिषदों में भाजपा की हार हुई है। पालघर की मोखाड़ा नगर परिषद में शिवेसना, विक्रमगड़ नगर परिषद में विक्रमगड विकास आघाड़ी और तलासरी नगर परिषद में माकपा ने सफलता हासिल की है।
नाशिक में राष्ट्रवादी कांग्रेस को खली भुजबल की कमी
राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री छगन भुजबल के जेल में होने का खामियाजा नाशिक में उठाना पड़ा है। भुजबल की प्रभाव वाली येवला, मनमाड़ और नांदगांव नगर परिषद में राष्ट्रवादी कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा। नाशिक जिले में शिवसेना को अच्छी सफलता मिली है। जिले में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की ढीली होती पकड़ का लाभ शिवसेना लेने में कामयाब हुई है। नाशिक जिले की छह में से चार नगर परिषद में शिवसेना को जीत मिली है।
विखेपाटील के लिए थोड़ी खुशी-थोड़ा गम
वहीं विधान सभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील अहमदनगर की शिर्डी नगर परिषद में कांग्रेस को जीत दिलाई है। जबकि राहता नगर परिषद में कांग्रेस को मिली हार की जिम्मेदारी पाटील ने स्वीकार की है।
बहन को भाई ने दिया झटका
नगरपालिका चुनाव में राज्य की महिला व बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे और उनके चचेरे भाई विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई थी। चुनाव परिणाम आने के बाद साफ हो गया है कि धनंजय अपनी बहन पंकजा को मात देने में सफल रहे हैं। पंकजा के गृह जिले बीड में राकांपा का परचम लहराया है। मुंडे परिवार के गढ़ परली-बैजनाथ नगरपालिका पर राकांपा ने फिर से कब्जा जमा लिया है। भाजपा नेता व प्रदेश की ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे को राष्ट्रवादी कांग्रेस नेता व विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने तगड़ा झटका दिया है।
तमाम कोशिशों के बावजूद पंकजा परली नगर परिषद में भाजपा को जीत नहीं दिली सकीं।
परली नगर परिषद में धनंजय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस को दोबारा जीत दिलाई। भगवानगड विवाद के बाद पूरे राज्य की नजरें बहन और भाई की ओर लगी हुई थीं। लेकिन इस बार धनंजय ने बाजी मार ली।