दिवाली रोशनी का त्योहार है। पूरा देशऔर रोशनी की दमक से सराबोर हो जाता है। बच्चे तो बच्चे बड़े भी इसकी मस्ती में खो जाते हैं। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि इस दिन होने वाली आतिशबाजी न केवल प्रदूषण बढ़ाती है, बल्कि आतिशबाजी के दौरान होने वाली थोड़ी-सी भी लापरवाही हमारे लिए बहुत घातक हो सकती है।
दिवाली के दौरान आतिशबाजी से जलने की घटनाओं से हम अच्छी तरह परिचित हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि इस तरह की घटनाओं से कैसे बचा जाए और अगर ऐसी कोई घटना हो तो किन बातों का ख्याल रखें। पटाखे हमेशा मान्यता प्राप्त दुकान से खरीदें और इस बात की कोशिश करें कि बच्चों को अकेले पटाखें खरीदने न जाने दें, और आप उनकी सुरक्षा का ध्यान रख कर उन्हें पटाखे दिलवाएं।
अक्सर बच्चे शैतानी करने के लिए पटाखे किसी बंद डिब्बे या मटके में डाल कर जलाते हैं, ऐसे में कई बार मटके या डब्बे के टूटने से बच्चों के घायल होने की संभावना भी होती है। इससे बेहतर होगा की आप उनको अकेले पटाखे न जलाने दें।
ऊनी सिल्क व कृतिम कपड़ों में आग बहुत जल्दी पकड़ लेती है, इससे बचने के लिए बेहतर होगा की पटाखे जलाते समय सूती कपड़े ही पहने।
Check Also
क्या आप भी रात को ऑन रखते हैं WIFI हो सकता है आपके लिए खतरा
कोरोना महामारी की वजह से पूरे देश में इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ गया …