नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से रहस्यमय हालत में गायब हुए छात्र नजीब अहमद की तलाश में दिल्ली पुलिस की एक टीम पड़ोसी मुल्क नेपाल भी गई है। एसआइटी का मानना है कि नेपाल के कुछ हिस्से में वामपंथी विचारधारा के लोग रहते हैं। हो सकता है नजीब उनके पास गया हो।
इधर पिछले 26 दिनों से दिल्ली पुलिस के करीब 200 से अधिक कर्मी देश के विभिन्न राज्यों में स्थित दरगाहों, मस्जिदों, होटलों व धर्मशाला की खाक छान रहे हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही है।
नजीब जंग के परिजन दिल्ली पुलिस के अधिकारियों, गृहमंत्री व उपराज्यपाल से कई बार मिलकर नजीब को तलाशने के लिए गुहार लगा चुके हैं।
पुलिस को शक है कि है नजीब ने किसी दूर दराज के राज्य में जाकर गोपनीय तरीके से पहचान छिपाकर रहना शुरू कर दिया है। अपने परिजनों, रिश्तेदारों व दोस्तों से बिल्कुल संपर्क नहीं कर रहा है। संचारतंत्र का इस्तेमाल न करने के कारण उसके बारे में कोई सुराग नहीं मिल रहा है।
पुलिस को यह भी शक है कि हो सकता है कोई उसे पीछे से फंडिंग कर रहा हो। क्योंकि जब उसके पास पैसे नहीं थे तब 26 दिनों से वह कहां व कैसे छिपकर रह रहा है। हालांकि उसके परिजनों का कहना है कि नजीब को जेएनयू में मात्र 15 दिन ही हुए थे। इतने कम समय में कोई वामपंथी विचार धारा का नहीं बन सकता है।
उधर, एबीवीपी छात्र नेताओं ने आरोप लगाया है कि बुधवार की रात 9 बजे नजीब का भाई मोहम्मद मुजीब व उसकी मां कुछ छात्रों को लेकर माही मांडवी छात्रावास में अंकित राय नाम के छात्र को धमकाने पहुंचे थे।
नजीब की मां ने अंकित के साथ गाली गलौज भी की। नजीब के भाई ने जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल भी किया और उसे जान से मार डालने की धमकी दी।
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