इस विशाल पृथ्वी के कई ऐसे कोने हैं जहां तक पहुंचने के लिए मनुष्य को अपनी जानी की बाजी लगानी पड़ी है. ऐसे ही एक अभियान के तहत आज से ठीक 105 साल पहले एक खोजी दल ने पहली बार दक्षिणी ध्रुव (साउथ पोल) पर अपने कदम रखे. 14 दिसंबर, 1911 को नार्वे के अन्वेषक रोआल्ड एमंडसन के नेतृत्व में चार सदस्यीय दल पहली बार दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा. उन्होंने अपना टेंट लगाया और उस पर नार्वे का झंडा लगाया. उसके बाद रोआल्ड की टीम सुरक्षित लौट आई. दक्षिणी ध्रुव पर पहली बार के उस अभियान के उपलक्ष्य में आज गूगल ने उस विषय पर अपना डूडल बनाया है.
हालांकि उस घटना के महज पांच हफ्ते बाद ही रॉबर्ट फाल्कान स्कॉट के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय ब्रिटिश पार्टी भी वहां पहुंची. लेकिन जब वह दल लौट रहा था तो दुर्घटना का शिकार हो गया और पांचों सदस्य मारे गए.
रोआल्ड एमंडसन (1872-1928)
ध्रुवीय क्षेत्रों की खोज करने वाले नार्वे के अन्वेषक थे. वह हवाई मार्ग से उत्तरी ध्रुव पर भी पहुंचने वाले पहले शख्स थे. इस प्रकार निर्विवाद रूप से उनको सबसे पहले दोनों ध्रुवों पर पहुंचने वाला शख्स माना जाता है.
दक्षिणी ध्रुव
पृथ्वी का सबसे दक्षिणी छोर है. इसे भौगोलिक दक्षिणी ध्रुव के नाम से भी जाना जाता है. यह उन दो बिंदुओं में से एक जगह है जहां पृथ्वी के घूर्णन की धुरी एक-दूसरे को सतह पर काटती है. यह पृथ्वी की सतह का सबसे दक्षिणतम बिंदु है और दूसरे छोर उत्तरी ध्रुव के एकदम विपरीत पड़ता है. यह अंटाकर्टिका महाद्वीप पर स्थित है. यहीं पर अमेकिरी एमंडसन-स्कॉट साउथ पोल स्टेशन स्थित है. इस स्टेशन की स्थापना 1956 में हुई थी.
पर परिभाषित किया गया है. दक्षिणी ध्रुव, दक्षिणी गोलार्द्ध का केंद्र है.