क्या आपने कभी सोचा है कि सोमवार को ही भगवान शिव की पूजा क्यों की जाती है? दरअसल सोमवार को भगवान शिव का दिन कहा गया है। चंद्रमा का दूसरा नाम सोम भी है। चंद्रमा को शिव ने अपने मस्तक पर स्थान दिया है। इसलिए सोमवार को शिव का दिन माना जाता है।
सोमवार को शिव पूजा के पीछे एक और कारण भी है। सोम का दूसरा अर्थ होता है सौम्य। शिव बेहद सौम्य भी हैं। उनकी सरलता और सहजता के कारण उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। इसलिए भी सोमवार को शिव का दिन माना जाता है।
शास्त्र और धर्म के जानकारों के मुताबिक सोम का एक अर्थ है- उमा के साथ शिव। और शिव की उपासना बिना शक्ति यानि देवी के पूरी नहीं मानी जाती। इसलिए भी सोमवार को शिव का दिन माना गया।
सोम का एक अर्थ है सोमरस। सोमरस को देवता पिया करते थे। इस पेय को आरोग्य और आयुष्यवर्धक माना गया है। जैसे सोमरस इंसान के लिए अमृत होता है वैसे ही शिव हमारे लिए कल्याणकारी हों, इसलिए सोमवार को महादेव की उपासना की जाती हैजब सोम का उच्चारण किया जाता है तो ओउम भी उच्चारित होता है। सोम में ओउम भी समाया है और शिव ओंकार हैं। ओउम से संसार की उत्पत्ति मानी जाती है इसलिए भी सोमवार को शिव का दिन कहा जाता है।
सोम का एक अर्थ चंद्रमा है और चंद्रमा मन का प्रतीक है। मन की चेतनता और चंचलता को पकड़कर, वश में कर, हम परमात्मा तक पहुंच सकें इसलिए महादेव की उपासना सोमवार को की जाती है।