प्रतापी सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री चाणक्य की शिक्षाओं को हममें से कई लोग आत्मसात करते हैं। लेकिन हम उनकी जिंदगी से क्या सीख ले सकते हैं। यह बात बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि उनकी निजी जिंदगी कुछ सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण नहीं थी।
# चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे ‘कौटिल्य’।
# मुद्राराक्षस के अनुसार चाणक्य का असली नाम ‘विष्णुगुप्त’ था।
# चाणक्य को कौटिल्य के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
# कहते हैं चाणक्य स्वाभिमानी और क्रोधी स्वभाव का व्यक्ति था।
# उनके लिखे अर्थशास्त्र ग्रंथ को मौर्यकालीन भारतीय समाज का दर्पण माना जाता है।
# कौटिल्य द्वारा नंदवंश का विनाश और मौर्यवंश की स्थापना से संबंधित कथा विष्णु पुराण में आती है।
# चाणक्य ने नंदवंश का नाश करके चन्द्रगुप्त मौर्य को राजा के सिंहासन तक बैठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
# ‘अर्थशास्त्र’ में कौटिल्य ने जिस विजिगीषु राजा का चित्रण प्रस्तुत किया है, निश्चित रूप से वह चन्द्रगुप्त मौर्य के लिये ही संबोधित किया गया है।
# भारत पर सिकन्दर के आक्रमण के कारण छोटे-छोटे राज्यों की पराजय से अभिभूत होकर कौटिल्य ने व्यावहारिक राजनीति में प्रवेश करने का संकल्प किया।
# अति विद्वान और मौर्य साम्राज्य का महामंत्री होने के बावजूद कौटिल्य का जीवन सादगी से भरा था। वह एक छोटे-से मकान में रहता था और कहा जाता है कि उसके मकान की दीवारों पर गोबर के उपले थोपे रहते थे।