ग्वालियर। ट्रेन में चलने वाले ज्यादातर किन्नर नकली हैं। जिनकी वजह से हम असली किन्नर भी बदनाम हो रहे हैं। लोगों को दिखता है कि किन्नर बनने में बहुत कमाई है इसलिए कुछ लोग नकली किन्नर बनकर लोगों को ठगते हैं, जबकि असली किन्नारों का चेहरा ही अलग होता है।
असली-नकली किन्नार के मुद्दे पर बेबाकी से बात करते हुए दिल्ली शहादरा निवासी मुस्कान किन्नर ने कहा कि यदि मेरा बस चले तो ऐसे नकली किन्नरों को मैं मार-मारकर भगा दूं। नोटबंदी के मुद्दे पर मुस्कान ने कहा कि जब आपके पास ही पैसा नहीं हैं तो हमें कहां से दोगे। पहले हम कहीं दुआएं देने जाते थे तो 5 हजार रुपए मिलते थे, जबकि अब 1100 मिल रहे हैं। यह निर्णय अच्छा भी है और खराब भी है। अच्छा इसलिए क्योंकि इससे ब्लैकमनी पर अंकुश लगेगा, लेकिन बुरा इसलिए क्योंकि इससे गरीब की परेशानी बढ़ी है।
ग्वालियरवासी और गजक दोनों लाजवाब
पलवल निवासी सिमरन के साथ ही सानिया किन्नर अपनी बेटी जस्सी के साथ ग्वालियर आई हैं। उन्होंने बताया कि ग्वालियर के लोग और यहां की गजक दोनों ही लाजवाब हैं। उन्होंने कहा कि महासम्मेलन के दौरान शहर को नजदीक से जानने का मौका मिला है।