भोपाल सेंट्रल जेल में सिमी आतंकियों के भागने के बाद सस्पेंड हुए प्रहरी आनंदी लाल ने पुलिस को दिए बयान में कई बड़े खुलासे किए हैं। सूत्रों की मानें तो आनंदी ने बताया कि आतंकियों को सामान पहुंचाने में जेल अधिकारियों की बड़ी भूमिका रहती थी।
इसके लिए रजिस्टर में फर्जी मुलाकाती और फर्जी दस्तखत कर आतंकियों द्वारा मांगे जाने वाले सामान उन तक पहुंचाए जाते थे। बताया जा रहा है कि आनंदी ने कुछ अफसरों के नाम भी बताए हैं। हालांकि जांच के लिहाज से उनके नाम सामने नहीं आ सके हैं।
इधर एक अक्टूबर को एक सीजेएम द्वारा भोपाल सेंट्रल जेल के निरीक्षण में आतंकियों के बैरक से कई महंगे कॉस्टेमेटिक प्रोडक्ट बरामद होने की जानकारी भी सामने आई है। इस पर उन्होंने जेल अधिकारियों से जवाब भी मांगा था, जो उन्हें आज नहीं दिया गया। सीजेएम ने महिला बंदी ब्लॉक का भी निरीक्षण किया था और अपनी जेल निरीक्षण रिपोर्ट भी तैयार की थी।
सस्पेंड हुए डीआईजी जेल पटेल
सिमी आतंकियों के जेल से भागने के मामले में लापरवाही बरतने के चलते डीआईजी जेल एमआर पटेल को शासन ने मंगलवार को सस्पेंड कर दिया। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 31 अक्टूबर को मामले में निलंबित किए गए प्रहरी व जिन तीन अधिकारियों का नाम लिया था, उसमें पटेल भी थे, लेकिन उनके निलंबन के आदेश अब जारी हुए हैं।
आनंदी ने जो पुलिस और मीडिया को बताया
– सिमी आतंकियों की बैरक का निरीक्षण कभी नहीं हुआ।
– फरार होने की घटना के कुछ दिनों पहले खंडवा के 2 अन्य आतंकियों को बी ब्लॉक में शिफ्ट किया गया।
– आतंकियों के पास कई जूते, चप्पल और कपड़े होते थे।
– बैरक के बाहर दिनभर घूमते रहते थे सिमी आतंकी।
– आतंकी सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक बैरक के बाहर घूमते थे।
– 17 आतंकियों की निगरानी सिर्फ एक प्रहरी के भरोसे छोड़ रखी थी।
– दीपावली की रात कुल 33 में से एक भी प्रहरी की नहीं लगी थी ड्यूटी।
– घटना की रात बी ब्लॉक में 3 की जगह 1 ही ताला लगाया था।
एक अक्टूबर को जिला कोर्ट के जज के निरीक्षण में यह मिला था
-महंगी कोल्ड क्रीम
-बॉडी लोशन
-टेलकम पाउडर
-हेयर जेल
-परफ्यूम
-डियोडरेंट