गुडबाय, ये जिंदगी की आखिरी रात होगी…यह मैसेज कॉलेज प्रबंधक हर्षवर्धन के मोबाइल से हिमांशी के मोबाइल पर रात 11:21 बजे भेजा गया। एक के बाद एक तथ्य हिमांशी और सत्येंद्र की हत्या को पुख्ता करते नजर आ रहे हैं। हिमांशी के घर से निकलने के करीब सवा घंटे बाद से ही हर्षवर्धन ने उसके मोबाइल पर जो मैसेज भेजे वो घटनाक्रम को पर्त दर पर्त खोल रहे हैं। इसके बावजूद दोहरे हत्याकांड में पुलिस सत्येंद्र की आत्महत्या की बात पर टिकी हुई है।
दरअसल, शाम करीब पांच बजे घर से निकली हिमांशी अपना एक फोन घर पर ही छोड़ गई थी और दूसरा फोन उसके पास था। परिजनों के अनुसार शाम करीब साढ़े छह बजे से हिमांशी के घर पर रखे मोबाइल पर हर्षवर्धन के मोबाइल 8853075386 से कॉल और मैसेज आने लगे थे। 6:20 पर आए मैसेज में उन्होंने लिखा मेरा बदला पूरा कर लेना। एक मैसेज में हर्षवर्धन ने लिखा था कि मुझे मालूम है कि तुम सत्येंद्र के साथ हो। एक मैसेज में लिखा तुमने मेरे बहुत एगजाम लिए हैं, मैं हर एग्जाम में पास हुआ हूं।
शायद तुम मेरा लास्ट एग्जाम लेना चाहती हो, तो सुन लो मैं उसमें भी पास होकर दिखाऊंगा, आज की रात मेरी जिंदगी की आखिरी रात होगी। 9:47 पर किए गए मैसेज में लिखा क्या पूरी रात वापसी नहीं करनी है। एक मैसेज में लिखा बहुत टाइम हो गया है फोन उठाओ, नहीं मैं तुम्हारे घर के नंबर पर बात करूं। दूसरे नंबर पर रात 8:23 पर किए व्हाट्सप मैसेज में लिखा फोन क्यों नहीं उठ रहा हमें पता है।
पर अब तो बहुत देर हो गई है, अगर तुम्हारी आत्मा किसी को स्वीकार कर पाती है तो ठीक है पर बता देतीं तो ठीक था। रात 11:21 पर मैसेज किया जिंदगी की आखरी रात होगी, गुड बाय। हर्षवर्धन के ये मैसेज बयां कर रहे हैं कि उन्हें पूरी कहानी पता है और प्रेम त्रिकोण का एक कोना वह भी हैं। हत्या के पहले तक वह लगातार मोबाइल पर हिमांशी और सत्येंद्र के संपर्क में भी थे। पुलिस मामले को उलझाने में लगी है। अगर पुलिस सत्येंद्र की मौत, मोबाइल कॉल डिटेल सहित अन्य तथ्यों की गहराई से तफ्तीश करे तो दोहरे हत्याकांड का राज जल्द ही खुल सकता है।
शहर के मोहल्ला आलू थोक निवासी हिमांशी उर्फ शीनू श्रीवास्तव (25) और बहोरवापुरवा गांव के सत्येंद्र उर्फ सुधीर कुशवाहा (35) न्यौरादेव गांव स्थित राजेंद्र सिंह इंटर कॉलेज में नौकरी करते थे। तीन दिसंबर को सुबह दोनों के शव बहोरवापुरवा गांव में मिले थे। हिमांशी का शव सत्येंद्र कुशवाहा के मकान के नीचे मिला था जबकि सत्येंद्र का शव कुछ दूर खेतों में पेड़ पर लटका मिला था।
हिमांशी और सत्येंद्र दो दिसंबर की शाम करीब पांच बजे अपने-अपने घरों से निकले थे। दोनों के परिजन राजेंद्र सिंह इंटर कॉलेज के प्रबंधक हर्षवर्धन सिंह पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं। पुलिस ने उन्हें धारा 306 में जेल भी भेज दिया है। हिमांशी के परिजनों ने थाने मेें तहरीर देकर हर्षवर्धन सिंह, उनके बेटे और कॉलेज के बाबू सचिन पर हत्या करने की आशंका जताई है। हर्षवधर्न की भूमिका हत्या में संदिग्ध लग भी रही है।