साउ पाउलो. ब्राजील में दनिुया का पहला थ्री डी प्रिंटेड फेस ट्रांसप्लान्ट किया गया है। 54 साल के कार्लिटो बीते आठ साल से मुंह के कैंसर से जूझ रहे हैं। इसके चलते उनके चेहरे के बाएं हिस्से में ट्यूमर हो गया। गले से लेकर आंख के ऊपर तक फैल गया। आंख भी खोनी पड़ी। डॉक्टरों ने सर्जरी कर ट्यूमर को हटाया। लेकिन चेहरे पर बड़ा गड्ढा हो गया। सूरत बिगड़ जाने की वजह से दो बच्चों के पिता कार्लिटो डिप्रेशन में चले गए। उनका इलाज कर रहे डॉक्टर रोडरिगो सालाजार ने जुगाड़ का सहारा लिया। उन्होंने स्मार्टफोन की मदद से उनके चेहरे के खराब हुए हिस्से को थ्री डी तकनीक से तैयार किया। फिर उसे ट्रांसप्लान्ट कर दिया।
स्मार्टफोन की मदद से ऐसे बनाया चेहरा…
– रोडरिगो कहते हैं कि हमारे पास हाईटेक इलाज करने के सामान नहीं हैं। इसलिए हमने किफायती तरीका खोजा।
– इसके लिए फ्री ऐप आटोडेस्क 123डी डाउनलोड किया। इसकी मदद से कार्लिटो के चेहरे का 3डी मॉडल बनाया।
– खराब हुए हिस्से की 15 तस्वीरें लीं और उन्हें योजनाबद्ध तरीके से तीन अलग-अलग ऊंचाई पर सेट किया। फिर इन फोटोज को अपलोड किया और कार्लिटो का वर्चुअल फेस बनाया।
– इसके लिए फ्री ऐप आटोडेस्क 123डी डाउनलोड किया। इसकी मदद से कार्लिटो के चेहरे का 3डी मॉडल बनाया।
– खराब हुए हिस्से की 15 तस्वीरें लीं और उन्हें योजनाबद्ध तरीके से तीन अलग-अलग ऊंचाई पर सेट किया। फिर इन फोटोज को अपलोड किया और कार्लिटो का वर्चुअल फेस बनाया।
20 घंटे में बनाई नेचुरल जैसी स्किन
– इसके बाद प्रिंटर की मदद से मरीज का चेहरा बनाया। फिर खराब हुए हिस्से को भरने के लिए सिलिकॉन के स्किन बनाए। फिर इस स्किन को रंग और रूप दिया गया। असली स्किन की तरह झुर्रियां भी बनाई गईं, ताकि चेहरा नेचुरल दिखाई दे।
– इस काम में 20 घंटे का वक्त लगा। फिर इस हिस्से को चुंबक और टाइटेनियम के स्क्रू की मदद से चेहरे पर जोड़ा गया।
– इस सर्जरी में दो घंटे का समय लगा। दुनिया भर में हर साल मुंह और गले के कैंसर से जुड़े साढ़े 5 लाख मामले सामने आ रहे हैं। इनमें इलाज के अभाव में तीन लाख लोगों की मौत हो जाती है।
– इसके बाद प्रिंटर की मदद से मरीज का चेहरा बनाया। फिर खराब हुए हिस्से को भरने के लिए सिलिकॉन के स्किन बनाए। फिर इस स्किन को रंग और रूप दिया गया। असली स्किन की तरह झुर्रियां भी बनाई गईं, ताकि चेहरा नेचुरल दिखाई दे।
– इस काम में 20 घंटे का वक्त लगा। फिर इस हिस्से को चुंबक और टाइटेनियम के स्क्रू की मदद से चेहरे पर जोड़ा गया।
– इस सर्जरी में दो घंटे का समय लगा। दुनिया भर में हर साल मुंह और गले के कैंसर से जुड़े साढ़े 5 लाख मामले सामने आ रहे हैं। इनमें इलाज के अभाव में तीन लाख लोगों की मौत हो जाती है।
सर्जरी के बाद चेहरे को देखा तो खुशी से चिल्ला पड़े कार्लिटो
– कार्लिटो कहते हैं, ”पहली कोशिश फरवरी में की गई थी। लेकिन कामयाब नहीं रही।”
– ”मैंने आत्मविश्वास खो दिया था। कोई काम नहीं कर सकता था, क्योंकि जहां भी जाता था, लोग डर जाते थे।”
– ”पर दूसरी सर्जरी के बाद जब मैंने अपना चेहरा देखा तो खुशी से चिल्ला उठा।”
– कार्लिटो कहते हैं, ”पहली कोशिश फरवरी में की गई थी। लेकिन कामयाब नहीं रही।”
– ”मैंने आत्मविश्वास खो दिया था। कोई काम नहीं कर सकता था, क्योंकि जहां भी जाता था, लोग डर जाते थे।”
– ”पर दूसरी सर्जरी के बाद जब मैंने अपना चेहरा देखा तो खुशी से चिल्ला उठा।”