दुमका में राज्य व केंद्र सरकार पर जमकर बरसे CM नीतीश: झारखण्ड

m_id_446158_nitish_kumarबिहार के मुख्यमंत्री व जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बुधवार को झारखंड के दुमका में आयोजित जनसभा में केंद्र व झारखंड सरकार पर जमकर बरसे। कहा कि दोनों सरकारों में से किसी का झारखंड के विकास पर ध्यान नहीं है। जेवीएम के इस कार्यक्रम में उन्होंने झारखंड की मूल आबादी का मुद्दा भी जोरदार तरीके से उठाया।

कहा कि बिहार से अलग होने के बाद झारखंड में उत्साह और बिहार में मायूसी थी। लेकिन बंटवारे के इतने दिनों के बाद शासन प्रणाली में गड़बड़ी से माहौल अब बदल गया है। बिहार जहां विकास के रास्ते पर है वहीं झारखंड लगातार पिछड़ता जा रहा है। यह बात उन्होंने दुमका में आयोजित जेवीएम के महाधरना में लोगों को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि बिहार से अलग होने के बाद पूरे देश में झारखंड और बिहार की सड़कों को लेकर मजाक होता था। आज स्थिति क्या हो गई? कहा कि जिन मुद्दों को लेकर झारखंड का गठन हुआ वह पूरा नहीं हुआ। झारखंड की मिट्टी में प्रकृति ने जितने संसाधन दिए उतनी देश में किसी और राज्य में नहीं है। लेकिन प्रशासनिक गड़बड़ी ने माहौल बदल दिया।

आरोप लगाया कि स्थानीय मुद्दों के समाधान, यहां के मूल निवासी आदिवासियों के विकास में और झारखंड के विकास में भाजपा की रुचि नहीं है। कहा कि यहां के मूल निवासियों की उपेक्षा प्रदेश पर भारी पड़ रही है। कहा कि जब बाहर के लोगों को ही यहां के संसाधनों से आगे बढ़ना था तो बिहार और झारखंड का बंटवारा करने की जरूरत क्या थी

कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े आदमी को जबतक लाभ नहीं मिलेगा तबतक सही विकास हुआ कहां? उन्होंने स्थानीय लोगों को वरीयता देने की मांग उठाते हुए कहा कि झारखंड का चेहरा लोकल चेहरा होना चाहिए। इसपर नारेबाजी हुई तो कहा कि नियुक्त करने वाले का दोष है। इसका आयोजन बाबू लाल मरांडी के नेतृत्व लाली झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) की ओर से किया गया है। उन्होंने कहा कि झारखंड का विकास मरांडी के नेतृत्व में ही हो सकता है। इसलिए जबतक बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में यहां सरकार नहीं बनेगी विकास नहीं होगा। कहा कि झारखंड प्रकृति के संसाधनों से भरपूर है। इसका दोहन करने वाले बाहरी लोग हैं। कहा कि बिहार में बारिश की कमी के बावजूद हमने अपने संसाधनों का विकास किया और आज हम विकास के रास्ते पर हैं।

कहा कि पर्यावरण की रक्षा बेहद जरूरी है। यह काम झारखंड के मूल निवासी बखूबी कर रहे हैं। वे पर्यावरण के साथ जीते हैं। पर्यावरण के प्रति उनका प्रेम जगजाहिर है। लेकिन बाहर से आए लोग यहां के पर्यावरण के दुश्मन हैं। वे अपने विस्तार में पर्यावरण को बाधा मानते हैं। कहा कि यहां के संसाधन नष्ट हुए तो झारखंड के गठन का उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा।

अपनी सरकार की ओर से घर-घर नल का जल पहुंचाने की योजना की चर्चा करते कहा कि यह दुखद है कि झारखंड में लोगों को तालाब का पानी पीना पड़ रहा है। कहा कि झारखंड मरांडी का हाथ मजबूत करे तो यहां की मूल समस्याएं खत्म हो सकती हैं।

इसके पहले उन्होंने देवघर में बाबा वैद्यनाथ के दर्शन भी किए।नीतीश कुमार मंगलवार शाम बिहार के बांका से देवघर पहुंचे थे। वहां सर्किट हाउस में झारखंड व बिहार के नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। उन्होंने कुछ खास नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक भी की।

बुधवार की सुबह उन्हें द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख कामनालिंग बाबा वैद्यनाथ की पूजा-अर्चना की। फिर योगगुरु परमहंस सत्यानन्द सरस्वती की तपोभूमि रिखिया योगपीठ भी गए। वहां से वे देवघर से दुमका के लिए रवाना हो गए।

Check Also

बारिश

चक्रवाती तूफान यास से मची तबाही, भारी बारिश से आई बाढ़, बिगड़ गए हालात

रांची: चक्रवाती तूफान यास ने कई राज्यों में तबाही मचा चूका है, वहीं यास ने …