बगदाद. मोसुल में आईएसआईएस के पांव उखाड़ने वाली इराकी गठबंधन फौज अब पश्चिम में भी उन्हें शिकस्त देने के लिए नया युद्ध छेड़ने की रणनीति तैयार कर रही है। अब इराकी फौज का पूरा ध्यान इसी तरफ शिफ्ट हो गया है। इराकी सुरक्षा बल पूर्वी हिस्से से पहले ही शहर में दाखिल हो चुके हैं। हालांकि गुरुवार को इराकी फौज को आईएस के आतंकियों ने सलाम अस्पताल से पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था। इस अस्पताल पर सेना ने मंगलवार को कब्जा किया था। दक्षिण की तरफ से मोसुल की ओर बढ़ रहे संघीय पुलिस बल ने बताया है कि उसका लक्ष्य शहर के दक्षिणी-पश्चिमी छोर पर स्थित हवाई अड्डे पर नियंत्रण हासिल करना है। माना जा रहा है कि पूर्वी मोसुल से आतंकियों का ध्यान बंटाने के लिए भी कई हमले किए गए हैं। आत्मघाती हमलावरों और मानव ढाल के कारण इस इलाके में सेना के आगे बढ़ने की रफ्तार काफी धीमी है और वह शहर को दो हिस्सों में बांटने वाली तिगरिस नदी से अब भी काफी दूर है। गौरतलब है कि इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल पर 2014 से आइएस का कब्जा है। आतंकियों के खिलाफ अभियान 17 अक्टूबर को शुरू हुआ था। इसे कुर्द, शिया, कबायली लड़ाकों और अमेरिकी गठबंधन का समर्थन हासिल है। अभियान शुरू होने के वक्त शहर में पांच से छह हजार आतंकियों के होने का अनुमान लगाया गया था। इनमें से करीब एक हजार मारे जा चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रवासी संगठन के अनुसार लड़ाई शुरू होने के बाद से पूर्वी मोसुल से करीब 81 हजार लोगों ने पलायन किया है। मोसुल में आइएस की आधी ताकत खत्म दूसरी ओर, मोसुल से 280 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित आइएस के कब्जे वाले अल-कैम में बुधवार को हवाई हमले में दर्जनों नागरिक मारे गए। इराक के सबसे बड़े सुन्नी नेता और संसद अध्यक्ष सलीम अल जबूरी ने हमले की जांच की मांग की है। बताया जा रहा है कि सेना ने गलती से शहर के सबसे व्यस्त बाजार पर मिसाइल गिरा दिया। हालांकि इराकी सेना ने चूक से इंकार करते हुए 50 आतंकियों को ढेर करने का दावा किया है।
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