सात जन्मों का साथ निभाने वाली पत्नी ने ही करा दी अपने पति की हत्या

इंडिया जंक्शन

ओवैस की कलम से  

अवैध सम्बन्ध की हद को पार कर प्रेमी से मिलकर की पति की हत्या|

1120लखनऊ- जहां एक ओर महिलाओं पर हो रहे बढ़ते अपराध को रोकने के लिए कानून, पुलिस और राजनीतिक दल कोशिशों में लगे है। वहीं दूसरी ओर कुछ महिलाएं अवैध सम्बंधों को जिंदा करने लिए अपने प्रेमियों के साथ मिलकर भाई, पति, पिता और परिवार के सदस्यों की हत्या करा रहीं है। ऐसा ही एक वाक्या  राजधानी के हसनगंज में प्रकाश में आया। जहां सातों वचन निभाने वाली एक पत्नी ने आठवें वर्ष अपने पति की हत्या प्रेमी से मिलकर करावा दी!
जानकारी अनुसार महिला को शादी के छह वर्ष बाद मिस्ड कॉल पर एक युवक से प्रेम-प्रंसग हो गया। इस दौरान महिला ने पति को धोखा देते हुए अवैध सम्बंध को दो वर्षों तक जिंदा रखा। इन दो वर्षों के दौरान महिला ने युवक से शादी भी रचा ली। मामले में खटास तब बनी जब युवक ने महिला से कोर्ट मैरिज करने को कहा। महिला कोर्ट मैरिज करने से इनकार करने लगी। युवक लगातार महिला पर कोर्ट मैरिज करने का दबाव बनाने लगा। इस बीच युवक ने कई बार उसके पति की हत्या कराने देने की बात कही, लेकिन चतुर महिला अपने प्रेमी को अक्सर प्यार की जाल में फंसाकर उसे मना लेती थी। यह मामला कई महीनों से चल रहा था। आखिर एक दिन ऐसा आया, जिस दिन प्रेमी ने महिला के पति की हत्या की साजिश रच डाली और 06 दिसम्बर 2016 को उसके पति जितेन्द्र यादव की अपने जीजा के साथ मिलकर चाकू से गोद और ईंट से कूंचकर हत्याकर दी।हसनगंज पुलिस ने जितेंद्र यादव हत्याकांड का खुलासा कर मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने का दावा किया है, पर साथी को दबोचने में पुलिस नाकाम रही। स्थानीय पुलिस, सर्विलांस सेल की मदद से पकड़े गए आरोपी ने अपना जुल्म कबूल कर लिया है। साथ ही पुलिस को कत्ल में प्रयुक्त चाकू भी मिला है।  ज्ञात हो कि एक माह पूर्व पांच दिसंबर की रात शिवनगर खदरा में किराए के मकान में रहने वाले जितेंद्र यादव की चाकूओं से गला रेतकर और ईंट से कूचकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। हत्या की जानकारी पुलिस को छह दिसंबर शाम को तब मिली थी,जब जितेंद्र का सह कर्मचारी जमील उसके घर चाभी लेने गया था। जमील ने घटना की सूचना पुलिस की दी थी। उसके बाद पुलिस ने तफ्तीश शुरू की थी। इंस्पेक्टर हसनगंज उदयवीर सिंह ने बताया कि घटना के बाद आरोपी बार-बार पुलिस को चकमा दे रहा था। इसके बाद सीओ महानगर विशाल विक्रम सिंह के निर्देशन में सर्विलांस की मदद ली गई। उसके बाद हत्यारोपी सद्दाम हुसैन पुत्र महसन अली निवासी प्रतापगढ़ को निराला नगर जे जे बेकरी के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी ने अपना जुल्म कबूल करते हुए निशानदेही पर बंधा ढाल हसनगंज से आलाकत्ल चाकू भी बरामद करवाया, जिसको उसने दबा दिया था। वहीं घटना में शामिल सद्दाम के एक अन्य साथी की पुलिस तलाश कर रही है।

अवैध सबंध और संपत्ति लालच बना हत्या की वजह

इंस्पेक्टर उदयवीर ने बताया कि मृतक की शादी पलक से आठ वर्ष पहले हुई थी। शादी के तीन वर्ष बाद उन्हें एक बेटी हुई। साथ ही पलक भी अपने पिता की अकेली संतान थी। लगभग दो वर्ष पूर्व रांग नम्बर से काल लगने के बाद पलक की बात हत्यारोपी सद्दाम से शुरू हो गई और फिर यह बात प्रेम में बदल गई और दोनों का मिलना जुलना शुरू हुआ और दोनों में सम्बन्ध बन गए। वही पलक के मायके में उसके नाम जमीन भी थी। जिस पर सद्दाम की नीयत थी। लिहाजा सद्दाम ने पलक से कोर्ट मैरिज का प्रस्ताव रखा था, लेकिन पलक ने शादी से मना कर दिया। जिसके बाद बौखला, सद्दाम ने साथी की मदद से जितेंद्र को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया और हत्या को अंजाम दे डाला।

खुलासे पर सवालिया निशान बरकरार

भले ही हसनगंज पुलिस ने इस हत्याकांड के खुलासे का दावा किया हो, लेकिन इंस्पेक्टर उदयवीर की थ्योरी में छेद भी नजर आये है। कही न कही इस खुलासे पर सवालों ने भी घर कर लिया है। इंस्पेक्टर ने बताया कि घटना से कुछ दिन पूर्व ही पलक के ममेरे भाई अजय की शादी थी, जहां पलक और जितेंद्र दोनों गए थे और इसके बाद पलक अपने मायके चली गयी थी, जबकि जितेंद्र अपने मकान में आ गया था। हालांकि पुलिस ने बताया कि पलक अपने मायके किसी की बीमारी में गई थी, जबकि तीन दिन बाद ही पलक की गैर मौजूदगी में जितेंद्र की हत्या हो गई। घटना के बाद से ही पलक पुलिस के राडार पर थी। पुलिस ने बताया कि पलक और आरोपी सद्दाम में तीन वर्षों से प्रेम-प्रसंग था और घटना के बाद से ही सर्विलांस टीम लगी थी तो आखिर सद्दाम को ट्रेस करने में पुलिस को एक महीने क्यों लगे इस सवाल का जवाब भी पुलिस देने में असफल नजर आई है।

तो क्या कुछ आरोपियों को बचा रही है पुलिस

खुलासे के बाद खड़े हुए सवालों ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए है। बकौल पुलिस पत्नी से पूछताछ में ही उसने सद्दाम से सम्बन्ध होने की बात बताई है। उधर घटना के बाद घटनास्थल से शराब की बोतलें और गिलास भी मिले थे और घटनास्थल के हालात बता रहे थे कि घटना को अंजाम किसी करीबी की मदद से दिया गया है, जबकि पुलिस ने बताया कि सद्दाम तो जितेंद्र को जनता था, लेकिन जितेंद्र को सद्दाम और पलक के बारे में कुछ नहीं पता था। इन सब बातों से यकीनन पुलिस की भूमिका संदिग्ध नजर आई है और प्रतीत हो रहा है कि हसनगंज पुलिस कुछ हत्यारोपियों समेत पत्नी को बचाने का प्रयास कर रही है। घटना की विवेचना में पुलिस ने मृतक की पत्नी को क्लीन चिट दे दी है। जबकि ममेरे भाई की शादी से मृतक पत्नी का मायके चले जाना और तीन दिन बाद ही हत्या हो जाना। पत्नी का हत्याकांड में शामिल होने की ओर इशारा कर रहा है।

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