पीएम मोदी देंगे नोटबंदी की पहली अग्निपरीक्षा

मध्यप्रदेश में शहडोल लोकसभा (एसटी) और नेपानगर विधानसभा (एसटी) सीटों पर शुक्रवार शाम को चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद 19 नवंबर को मतदान होने वाला है. यह उपचुनाव केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा के नोटबंदी के अहम फैसले के बाद आम जनता के बीच पहली कड़ी चुनावी परीक्षा भी साबित होंगे.

कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि दोनों सुरक्षित सीटों पर काबिज रही भाजपा के लिए यह उपचुनाव अहम हैं. यदि इनमें से किसी एक सीट पर भी भाजपा हारती है तो यह समझा जाएगा कि केन्द्र सरकार का नोटबंदी का निर्णय आम लोगों को नहीं भाया है.

हालांकि भाजपा के एक नेता ने इससे असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा दोनों सीटों पर वोटों के बड़े अंतर से अपना कब्जा बरकरार रखेगी और नोटबंदी का मुद्दा उपचुनाव में कोई असर नहीं डालेगा.

तानाशाही निर्णय से लोग परेशान

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा, “नोटबंदी के तानाशाही निर्णय से लोगों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. रुपयों के लिए आम जनता और किसान दोनों बैंकों के बाहर लम्बी कतारों में खड़े होने के लिए मजबूर हैं. किसानों के पास खाद और बीज खरीदने के लिए रुपए नहीं हैं. लोग इस फैसले से बेहद नाराज हैं और मुझे विश्वास है कि वे इस मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ वोट डालेंगे.”

कांग्रेस नेता ने कहा, “सरकार द्वारा विकास के बड़े-बड़े खोखले दावों और प्रदेश में बिजली की 24 घंटे आपूर्ति करने के झूठे दावों के कारण लोग पहले से ही काफी परेशान हैं और अब नोटबंदी के इस फैसले ने आग में घी डालने का काम किया है.”

नोटबंदी चुनावी मुद्दा नहीं

हालांकि, भाजपा नेता और मध्यप्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम के चेयरमैन डॉ हितेश वाजपेयी ने कहा कि आदिवासी बहुल इलाके में नोटबंदी कोई चुनावी मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासियों के लिए वनभूमि के पट्टे का अधिकार, उनका मुख्य भोजन चावल और ज्वार की आपूर्ति इससे अधिक महत्वपूर्ण हैं और वे इसमें खुश हैं.”

ये हैं उम्मीदवार

कांग्रेस ने पूर्व केन्द्रीय दलबीर सिंह और शहडोल लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद राजेश नंदिनी सिंह की बेटी हिमाद्री सिंह को उम्मीदवार बनाया है तो भाजपा ने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एवं आदिवासी नेता ज्ञान सिंह को मैदान में उतारा है.

नेपानगर विधानसभा क्षेत्र उप चुनाव के लिए कांग्रेस ने क्षेत्र के आदिवासी नेता अंतर सिंह बद्रे पर विश्वास जताते हुए उन्हें अपना उम्मीरवाद बनाया है, जबकि भाजपा ने इस क्षेत्र से विधायक रहे दिवंगत राजेन्द्र श्यामलाल दादू की बेटी मंजू दादू को अपना प्रत्यशी बनाकर क्षेत्र के मतदाताओं की सहानभूति हासिल करने की कोशिश की है.

भाजपा और कांग्रेस दोनों मुख्य दलों के उम्मीदवारों के अलावा और भी उम्मीदवारों ने उप चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है. शहडोल संसदीय उपचुनाव के लिए 17 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं और नेपानगर विधानसभा उप चुनाव के लिये चार उम्मीदवारों के बीच चुनाव है.

शहडोल लोकसभा उप चुनाव के लिये प्रदेश के दो मुख्य दलों कांग्रेस और भाजपा के अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (परमेश्वर सिंह परते), लोक शक्ति पार्टी (कृष्णपाल सिंह पावेल) गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (हीरासिंह मरकाम) और अपना दल (सज्जन सिंह परस्ते) ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि यहां से नौ उम्मीदवार निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.

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