पूरे गांव में दौड़ी खुशी की लहर, दीगर के दीदार से खुश हुआ परिवार!

अखबार में खबर छपने के बाद एसएसपी मनोज रतन चोथे व टुंडी इंस्पेक्टर केश्वर साहू पुलिस बल के साथ ओझाडीह गांव पहुंचे थे।

 

धनबाद। एक कमरे में चार साल तक खुद बंद रहने के बाद टुंडी के दीगर रजवार को रविवार को झारखंड पुलिस ने बाहर निकाला। उसे पुलिस ने भरोसा दिया कि उसे कोई नहीं मारेगा। दीगर के बाहर आते ही पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। हालांकि वह बोल नहीं पा रहा है।

अखबार में खबर छपने के बाद एसएसपी मनोज रतन चोथे व टुंडी इंस्पेक्टर केश्वर साहू पुलिस बल के साथ ओझाडीह गांव पहुंचे थे। उन्होंने बंद पड़े स्कूल का दरवाजा खोलकर दीगर को बाहर निकाला। जब दीगर अंदर से बाहर हुआ तो डरा हुआ था। इंस्पेक्टर ने उसे हरसंभव मदद का भरोसा दिया। पुलिस की ओर से उसे नए कपड़े दिए गए। दीगर ने लोगों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। दीगर के छोटे बेटे मंजुड़ा ने पिता के बाहर आने पर मीडिया को धन्यवाद दिया। उसने कहा कि चार साल बाद वह अपने पिता को देख पा रहा है। बड़े भाई की मौत के बाद वह सदमे में थे। उन्होंने खुद को स्कूल के एक कमरे में बंद कर लिया था। मंजुड़ा ने प्रशासन से अपने पिता के लिए वृद्धा पेंशन व इंदिरा आवास की मांग की है।

तरह-तरह की चर्चाएं

दीगर के चार साल तक कमरे में बंद रहने को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। कुछ लोग इसका कारण जमीन विवाद बता रहे हैं तो कुछ कहते हैं कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन इसका कोई ठोस आधार नहीं है। वहीं दीगर के बेटे मंजुड़ा के अनुसार कई लोगों से उनका विवाद चल रहा था। मामूली बातों को लेकर दीगर ने कई लोगों पर केस कर दिया था, लेकिन कोई मुकदमा टिका नहीं। ऐसे में लोगों से उन्हें डर लगने लगा और उन्होंने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था।

 

 

 

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