खरगोन नि:संतान दोस्त को बेटी गोद देने वाले दोस्त ने 16 साल बाद अचानक उस पर दावा कर दिया। तीन साल तक चले मामले में फैसला तब हुआ, जब दोनों पक्ष कोर्ट में आमने-सामने आए। कोर्ट ने जब बेटी से पूछा कि किसके साथ रहोगी तो उसने जन्म देने वाले से पालने वाले को बड़ा बताया। कहा कि पालने वाले ही उसके असली मां-बाप हैं। यह कहते हुए बेटी की आंखों में आंसू आ गए और कोर्ट का माहौल भी कुछ देर के लिए भावुक हो गया। कोर्ट ने बेटी की इच्छा पर पालने वाले मां-बाप के पक्ष में फैसला दिया।
– खरगोन जिले में शनिवार को लगी नेशनल लोक अदालत में सीजीएम गंगा चरण दुबे की खंडपीठ में इस अनोखे मामले पर सुनवाई हुई।
– सलीम खान व जफर खान (परिवर्तित नाम) पक्के दोस्त थे।
– सलीम की शादी के पांच साल बाद भी उसकी कोई संतान नहीं थी।
– इस पर छह बच्चों के पिता जफर ने दोस्ती का फर्ज निभाते हुए एक मिशाल पेश की।
– उसने अपनी 20 दिन की बेटी जन्नत (परिवर्तित नाम) को सलीम की गोद में डाल दिया।
– जफर और उसकी पत्नी अक्सर बेटी से मिलने भी आते थे।
– जब बेटी बड़ी हुई तो अचानक उसने जन्नत पर अपनी बेटी होने का दावा ठोक दिया।
– सलीम के पक्ष का दावा था कि इसके लिए रजिस्टर्ड गोदनामा भी कराया गया था।
– समाधान के लिए सलीम ने कोर्ट में केस दायर किया और भोपाल में जन्नत की सगाई कर दी।
– लेकिर वह रात-दिन कोर्ट के फैसले का इंतजार करने लगा। शादी से दो महीने पहले फैसला आने पर उसने राहत की सांस ली।
– सलीम खान व जफर खान (परिवर्तित नाम) पक्के दोस्त थे।
– सलीम की शादी के पांच साल बाद भी उसकी कोई संतान नहीं थी।
– इस पर छह बच्चों के पिता जफर ने दोस्ती का फर्ज निभाते हुए एक मिशाल पेश की।
– उसने अपनी 20 दिन की बेटी जन्नत (परिवर्तित नाम) को सलीम की गोद में डाल दिया।
– जफर और उसकी पत्नी अक्सर बेटी से मिलने भी आते थे।
– जब बेटी बड़ी हुई तो अचानक उसने जन्नत पर अपनी बेटी होने का दावा ठोक दिया।
– सलीम के पक्ष का दावा था कि इसके लिए रजिस्टर्ड गोदनामा भी कराया गया था।
– समाधान के लिए सलीम ने कोर्ट में केस दायर किया और भोपाल में जन्नत की सगाई कर दी।
– लेकिर वह रात-दिन कोर्ट के फैसले का इंतजार करने लगा। शादी से दो महीने पहले फैसला आने पर उसने राहत की सांस ली।
जन्नत बोली, पालने वाला बड़ा
– विवाद के बाद दोनों परिवार कोर्ट पहुंचे तो सबकी निगाह जन्नत पर थी।
– जब कोर्ट ने जन्नत से पूछा कि वह किसके साथ रहना चाहती है।
– इस पर उसका जवाब था कि परवरिश करने वाला ज्यादा बड़ा है इसलिए उसके असली मां-बाप वहीं हैं।
– कोर्ट ने जन्नत की बात सुन पालने वाले मां-बाप के पक्ष में फैसला सुना दिया।
– फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि “देवकी ने कृष्ण को जन्म दिया और यशोदा ने पाला, बेटी पर भी दोनों का अधिकार है’।
– कोर्ट ने यह भी कहा कि जन्नत की शादी में दोनों मां-बाप शामिल होंगे।
– साथ ही इस बात को भी स्पष्ट किया कि शादी के बाद भी वह बेटी से मिल सकेंगे।
– वरिष्ठ अभिभाषक सीके पाठक ने कहा कि रजिस्टर्ड गोदनामा के बावजूद बालिग बेटे या बेटी पर निर्भर करता है कि वह जन्म देने वाले या पालने वाले पिता के साथ रहे। उसकी मर्जी मानी जाती है।नहीं चाहता था बेटी गरीबी देखे
– मजदूरी करने वाले जफर ने कहा कि छह बच्चों में सबसे छोटी जन्नत गरीबी न देखे इसलिए दोस्त को गोद दे दी थी।
– बेटी ने जन्म देने वाले पिता से सवाल किया कि “16 साल परवाह नहीं की और दूसरे को दे दिया तो अब क्यों अधिकार जता रहे हो’। इस पर वो कोई जवाब नहीं दे पाए।
– विवाद के बाद दोनों परिवार कोर्ट पहुंचे तो सबकी निगाह जन्नत पर थी।
– जब कोर्ट ने जन्नत से पूछा कि वह किसके साथ रहना चाहती है।
– इस पर उसका जवाब था कि परवरिश करने वाला ज्यादा बड़ा है इसलिए उसके असली मां-बाप वहीं हैं।
– कोर्ट ने जन्नत की बात सुन पालने वाले मां-बाप के पक्ष में फैसला सुना दिया।
– फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि “देवकी ने कृष्ण को जन्म दिया और यशोदा ने पाला, बेटी पर भी दोनों का अधिकार है’।
– कोर्ट ने यह भी कहा कि जन्नत की शादी में दोनों मां-बाप शामिल होंगे।
– साथ ही इस बात को भी स्पष्ट किया कि शादी के बाद भी वह बेटी से मिल सकेंगे।
– वरिष्ठ अभिभाषक सीके पाठक ने कहा कि रजिस्टर्ड गोदनामा के बावजूद बालिग बेटे या बेटी पर निर्भर करता है कि वह जन्म देने वाले या पालने वाले पिता के साथ रहे। उसकी मर्जी मानी जाती है।नहीं चाहता था बेटी गरीबी देखे
– मजदूरी करने वाले जफर ने कहा कि छह बच्चों में सबसे छोटी जन्नत गरीबी न देखे इसलिए दोस्त को गोद दे दी थी।
– बेटी ने जन्म देने वाले पिता से सवाल किया कि “16 साल परवाह नहीं की और दूसरे को दे दिया तो अब क्यों अधिकार जता रहे हो’। इस पर वो कोई जवाब नहीं दे पाए।