रायपुर, निप्र। रायपुर केंद्रीय जेल में पहली बार बंदी की हत्या हो गई। सोमवार शाम बैरक नंबर 8 में खूनी संघर्ष हुआ, बंदी ने कैंची से 15 वार करके साथी को मौत के घाट उतार दिया। वारदात के दौरान बैरक में जेलकर्मी मौजूद थे, लेकिन किसी ने आरोपी को रोकने कोशिश नहीं की। आला अफसर जांच में जुट गए। मृतक नंबरदार बताया जा रहा है, जो हमलावर को बात-बात पर रोक-टोक करता था।
सूत्रों के अनुसार शाम 4.15 बजे दो कैदी वेदराम साहू और नरेंद्र साहू के बीच झड़प हुई। इसमें दर्जी का काम करने वाले नरेंद्र ने वेद के पेट और सीने में कैंची से 15 वार किए। नरेंद्र का हिंसक बर्ताव देख कोई भी पास नहीं गया।
हत्या के बाद नरेंद्र बोला-अब होगी फांसी
हत्या के बाद नरेंद्र ने जेलकर्मियों पर भी हमले की कोशिश की। रौब झाड़ते हुए बोला कि उसे कोई डर नहीं। आजीवन कारावास की सजा नहीं, अब तो फांसी होगी।
हत्या के आरोप में मिली थी सजा : मृतक और आरोपी दोनों हत्या के मामले में सजा काट रहे थे। सर्री, कुरूद के वेदराम को कोर्ट ने 1 अप्रैल 2010 को उम्र कैद की सजा दी थी। वहीं उप्र के सहाबा का नरेंद्र भी 4 जनवरी 2013 को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा पाया था।
10 दिन से विवाद
– 8 नंबर बैरक में दस दिन से चल विवाद होने की खबर है।
– 150 से ज्यादा बंदी रहते हैं इसमें।
– 2 पालियों में करते हैं बंदी काम।
– लगभग 3300 बंदियों के लिए करीब 32 बैरक हैं।
अगस्त में भी हुआ था हमला
अगस्त में भी एक विचाराधीन बंदी संजय बघेल पर शेख शाहरुख, जहुलर अली और अज्जू उर्फ अजय ने रंगदारी की मांग करते हुए हमला कर दिया था। इसमें संजय की कॉलर बोन टूट गई थी।
एमपी ने माना था आदर्श
भोपाल जेल से सिमी आतंकियों के फरार होने के बाद मध्यप्रदेश जेल विभाग की टीम ने हाल में केंद्रीय जेल रायपुर का दौरा किया था। सुरक्षा के लिहाज से इसे बेहतर बताते हुए अपने यहां सुरक्षा सिस्टम अपनाने की बात कही थी