हैदराबाद। केंद्रीय अपराध स्टेशन के अधिकारियों ने काले धन को सोने में बदलने के मामले में मुसद्दिअल ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी कैलाश चंद्र गुप्ता को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि फर्जी दस्तावेज के जरिये बड़े पैमाने पर कालेधन को सफेद किया गया।
इसके साथ ही सागर पेट्रोलियम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नरेदी नरेंद्र कुमार को भी आरोपी को शरण देने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा करने के बाद तीन घंटे के अंदर फर्जी दस्तावेजों के जरिये 100 करोड़ रुपए का सोना बेचा गया था।
दो अन्य निदेशकों मुसद्दिअल नितिन गुप्ता और निखिल गुप्ता ने बुधवार को नामपल्ली सत्र अदालत में एक याचिका दायर कर अग्रिम जमानत की मांग की थी। इसके बाद कोर्ट ने मौखिक आदेश दिया था कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाए।
सीसीएस पुलिस ने आधार कार्ड के दस्तावेज के आधार पर ‘फर्जी’ खरीददारों का पता किया और उनके बयान दर्ज किए। ‘फर्जी’ खरीददारों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने सोना नहीं खरीदा और रसीद में किए गए उनके हस्ताक्षर जाली थे। पुलिस ने पूछताछ में पाया कि उनमें से अधिकांश ग्राहक गरीब थे और लाख 1.89 रुपए मूल्य का सोना नहीं खरीद सकते थे।
ऐसी ही एक महिला ‘ग्राहक’ ने पुलिस को बताया है कि नोटबंदी के बाद उसके पास महज 500 रुपए ही बचे थे। आरोपियों ने 5,200 ग्राहकों की फर्जी रसीद बनाई थी, जिसमें से हर किसी को पुराने नोटों के जरिये 1.89 लाख रुपए का सोना बेचने की बात कही थी। पुलिस ने पाया कि कुछ ‘फर्जी’ ग्राहक दूसरे राज्यों के थे।
एसीपी के राम कुमार ने बताया कि कैलाश के ब्रदर इन लॉ नरेंद्र कुमार ने कैलाश को मणिकोंडा स्थित अपने घर में शरण दी और उसके ठिकाने के बारे में पुलिस को भी गुमराह किया।