पटना: बिहार स्कूली परीक्षा में टॉप करने वाली रूबी राय ने अपनी एक उत्तरपुस्तिका (आन्सरशीट) में सिर्फ फिल्मों के नाम लिखे थे, एक अन्य उत्तरपुस्तिका में वह कवि तुलसीदास का नाम 100 से भी ज़्यादा बार लिख आई थी, और कुछ अन्य उत्तरपुस्तिकाओं में रूबी ने कुछ कविताएं लिख दी थीं, और फिर इन उत्तरपुस्तिकाओं को बाद में ‘विशेषज्ञों’ द्वारा लिखी हुई उत्तरपुस्तिकाओं से बदल दिया गया था.
मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि फॉरेंसिक जांच से पुष्टि हो चुकी है कि जिन उत्तरपुस्तिकाओं के बूते रूबी को शीर्ष स्थान हासिल हुआ, वे किसी और की लिखी हुई थीं, क्योंकि उन उत्तरपुस्तिकाओं पर मौजूद हस्तलेख (हैंडराइटिंग) रूबी के हस्तलेख से नहीं मिलता. इसके अलावा नकली उत्तरपुस्तिकाओं पर शिक्षा बोर्ड का वॉटरमार्क भी नहीं लगा हुआ था, जिससे पता चलता है कि घपले में शामिल लोग कितने बेखौफ थे.
पुलिस सूत्रों ने बताया है कि 17-वर्षीय रूबी ने पूछताछ के दौरान अपराध कबूल करते हुए कहा था कि वह सिर्फ 12वीं कक्षा की परीक्षा में उत्तीर्ण (पास) होना चाहती थी, और टॉप करना उसका उसका मकसद कभी नहीं था.
परीक्षा में टॉप करने के लिए कथित रूप से रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के तीन हफ्ते बाद रूबी को अगस्त में घर जाने की अनुमति दे दी गई थी.
दरअसल, इस साल रूबी को राजनीति विज्ञान विषय के साथ टॉपर घोषित किया गया था, लेकिन उसके बाद एक टीवी इंटरव्यू के दौरान वह घबरा गई, और कहा कि इस विषय के अंतर्गत उसे खाना पकाना सिखाया जाता था. इसके बाद रूबी को विवादास्पद तरीके से गिरफ्तार कर लिया गया, और जुवेनाइल होम में रखा गया, जिसका कई सरकारी अधिकारियों ने किशोरी के खिलाफ ज़्यादती करार देकर विरोध किया था.